उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जिले में एक अनोखा वाकया सामने आया, जहां दुल्हन ने शादी के ऐन वक्त पर दूल्हे के साथ फेरे लेने से इनकार कर दिया. इस निर्णय की वजह थी, दूल्हे की सरकारी नौकरी न होना.
क्या हुआ था?
एक सरकारी क्लर्क के बेटे की बारात धूमधाम से आई. बैंड-बाजे के साथ बारात का स्वागत हुआ, द्वारपूजा और वरमाला की रस्में भी पूरी हो गईं. लेकिन जब शादी के फेरे लेने का समय आया, तो मामला उलट गया.
दुल्हन पक्ष को यह बताया गया था कि दूल्हे के पास सरकारी नौकरी है. हालांकि, फेरे से पहले दूल्हे की असलियत सामने आई कि वह सिविल इंजीनियर है और प्राइवेट नौकरी करता है. दुल्हन ने इस पर नाराजगी जताते हुए शादी से साफ इनकार कर दिया.
पे स्लिप भी नहीं मना पाई दुल्हन को
दूल्हे ने अपनी सैलरी स्लिप मंगवाकर दुल्हन पक्ष को दिखाई, जिसमें उसका वेतन 1.20 लाख रुपये प्रति माह था. इसके बावजूद, दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही और शादी करने से मना कर दिया.
दोनों पक्षों का समझाने का प्रयास विफल
शादी समारोह में मौजूद समाज के लोगों और परिवार के सदस्यों ने दुल्हन को समझाने की कोशिश की. लेकिन दुल्हन ने साफ कहा कि वह केवल सरकारी नौकरी वाले व्यक्ति से ही शादी करेगी.
समाज का फैसला और बारात की वापसी
समाज के वरिष्ठ लोगों ने फैसला किया कि शादी का जो भी खर्च हुआ है, उसे दोनों परिवार आपस में बांट लें. इसके बाद दूल्हा बिना दुल्हन के बारात लेकर बैरंग वापस लौट गया.