जयपुर, सात मई: राजस्थान के मुख्यमंयत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग रविवार को दोहराई. उन्होंने साथ ही दावा किया कि प्रधानमंत्री ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने पर सहमत नहीं हुए हैं.
गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की केंद्र सरकार से लगातार मांग हो रही है ताकि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल की समस्या का समाधान हो सके. यह भी पढ़ें: Rajasthan Politics: मेरी सरकार 2020 के राजनीतिक संकट से बच गई क्योंकि राजे और मेघवाल ने ‘षडयंत्र’ का समर्थन नहीं किया- CM अशोक गहलोत
उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जीवनरेखा है; केन्द्र सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए, ताकि राज्य के एक बड़े क्षेत्र में सिंचाई जल एवं पेयजल आपूर्ति सुनिश्चत हो सके. गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं अपनी सभाओं में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की बात कह चुके हैं. राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलने तक राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से इसका का निर्माण जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि अब तक बजट में ईआरसीपी के लिए 13 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा चुका है.
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे 13 जिले के लोग अगर संसद सदस्यों को… भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों, नेताओं से पूछेंगे कि आप बताइये कि प्रधानमंत्री जी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना क्यों नहीं घोषित कर रहे हैं...तब जाकर प्रधानमंत्री जी को पता चलेगा कि जनता का रूख क्या है तब वह खुद आयेंगे और बड़ी सभा करेंगे और उनको (राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देने की) घोषणा करनी पड़ेगी.’’
दौसा में महंगाई राहत शिविर का निरीक्षण करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा पूर्व सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को बंद कर देती है और इसलिए कांग्रेस सरकार को वापस सत्ता में लाना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी सरकार की योजनाएं बंद न हों बल्कि मजबूत हों.
उन्होंने कहा कि सड़क एवं बिजली आपूर्ति में राजस्थान अग्रणी राज्य बनकर उभरा है. इसी का परिणाम है कि आज 11.04 प्रतिशत आर्थिक विकास दर के साथ राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का प्रथम राज्य बनाना हमारा ध्येय है. उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने बाड़मेर में तेल रिफाइनरी परियोजना का काम बंद कर दिया था, जिससे इसकी लागत करीब 30 हजार करोड़ रुपये बढ़ गई थी.
गहलोत ने अपनी सरकार की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान कार्यकाल में राज्य सरकार ने 300 से अधिक नए कॉलेज खोले हैं, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमा कवर को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति परिवार, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सिलेंडर 500 रुपये में दे रहे हैं और लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए कई अन्य योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.
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