ब्रिसबेन, 17 दिसंबर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला में भारतीय सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल की सफलता का मंत्र शुरुआती 30 ओवर में डिफेंस मजबूत रखना और गेंदबाजों को सम्मान देना है।
ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे पर राहुल अब तक सबसे विश्वसनीय भारतीय बल्लेबाज रहे हैं और मंगलवार को भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उन्होंने 139 गेंद में 84 रन की उम्दा पारी खेली जिससे भारतीय टीम यहां तीसरे टेस्ट के चौथे दिन पहली पारी में नौ विकेट पर 252 रन बनाकर फॉलोआन का खतरा टालने में सफल रही।
वर्षा से बाधित दिन भारत के फॉलोऑन टालने के बाद राहुल जब मीडिया से बात करने पहुंचे तो उम्मीद के मुताबिक उनसे उनकी सफलता का राज पूछा गया जबकि अन्य भारतीय बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
राहुल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देखिए, मुझे पूरा यकीन है कि हर किसी की अपनी-अपनी योजनाएं होती हैं... आपको शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में थोड़ी किस्मत की भी जरूरत होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप शुरुआती 10-15 ओवर में अच्छा खेल पाते हैं और थोड़ा आत्मविश्वास हासिल कर लेते हैं तो आपके लिए चीजें थोड़ी आसान हो जाती हैं, फिर आप अच्छा महसूस करने लगते हैं और आपको ऑस्ट्रेलिया में कूकाबूरा गेंद के साथ गति और उछाल के साथ खेलने में मजा आने लगता है।’’
राहुल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अब तक धैर्य और दृढ़ता की मिसाल रहे हैं जबकि अन्य भारतीय बल्लेबाज नई गेंद के खिलाफ कमजोर नजर आए हैं।
राहुल की सफलता इसलिए भी उल्लेखनीय हैं क्योंकि श्रृंखला की शुरुआत से पहले वह पहली पसंद के सलामी बल्लेबाज नहीं थे। उन्होंने पहले टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया और फिर कप्तान रोहित शर्मा ने स्वयं निचले क्रम में उतरने का फैसला किया।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि यह सब विदेशी परिस्थितियों में बुनियादी बातों पर टिके रहने के बारे में है और इसमें गेंदबाजों को उचित सम्मान देना भी शामिल है, विशेषकर जब गेंद सख्त और नई हो तब।
राहुल ने कहा, ‘‘यह सभी के लिए उन शुरुआती 20-30 गेंद को पार करने के बारे में है और हर कोई ऐसा करने की पूरी कोशिश कर रहा है और यह एक लंबी श्रृंखला है। हमने अब तक तीन मैच में पांच पारियां खेली हैं इसलिए मुझे यकीन है कि अगली बार जब हम बल्लेबाजी करेंगे तो हर कोई अपनी खुद की योजना बनाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती 30 ओवर में आप केवल एक ही चीज कर सकते हैं कि अपने डिफेंस को मजबूत करें, कोशिश करें और सम्मान करें कि पहले 30 ओवर गेंदबाजों का समय है और उन्हें उनका समय दें, गेंदों को छोड़ें, जितना संभव हो उतना ठोस खेलने की कोशिश करें और फिर गेंद के पुराने होने पर इसका फायदा उठाने की कोशिश करें। तो यही मेरी योजना है और यह बहुत सरल है और मुझे यकीन है कि यह सभी के लिए योजना है।’’
अपने शरीर से दूर शॉट खेलने का प्रयास नहीं करने के अलावा राहुल ने गेंदों को छोड़ने का भी प्रयास किया है जबकि अन्य बल्लेबाज ऑफ स्टंप के करीब की गेंदों को खेलने के दोषी रहे हैं।
राहुल ने कहा कि विदेशी दौरों पर बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप विदेश दौरा करते हैं और जब आप बेहतरीन तेज गेंदबाजों का सामना कर रहे होते हैं तो आपको पहले 20-30 ओवरों का सम्मान करना होता है। अगर गेंद घूम रही है तो आपको उसका सम्मान करना होता है, आपको वह समय तेज गेंदबाजों को देना होता है और उस दबाव को झेलना होता है और रन बनाने के लिए अपने समय का इंतजार करना होता है।’’
राहुल ने कहा कि पिछले मैच में उन्हें गुलाबी गेंद को समझने में मुश्किल हुई थी।
भारत जसप्रीत बुमराह और आकाशदीप के बीच 10वें विकेट की 39 रन की अटूट साझेदारी की बदौलत फॉलोआन से बचने में सफल रहा और बारिश की संभावना के कारण यह टेस्ट ड्रॉ की ओर बढ़त दिख रहा है जबकि अब तक मैच में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा है।
राहुल ने आकाश दीप और बुमराह की बल्लेबाजी का लुत्फ उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘हां, जब निचला क्रम रन बनाता है तो काफी अच्छा लगता है। हम अपनी बैठक में इस बारे में काफी बात करते हैं और गेंदबाजों ने अपनी बल्लेबाजी पर भी काफी मेहनत की है।’’
राहुल ने कहा, ‘‘यह जानते हुए कि थोड़ी बारिश हो रही है और खेल का बहुत बड़ा हिस्सा बारिश की भेंट चढ़ गया है। हमें मैच में बने रहने का कोई रास्ता निकालना था और मुझे लगता है कि आकाश और बुमराह ने अंत में ऐसा किया।’’
भारत ने 219 रन पर अपना नौवां विकेट गंवा दिया था और मेहमान टीम का फॉलोऑन खेलना लगभग तय लग रहा था लेकिन बुमराह और आकाश दीप ने इस खतरे को टाल दिया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)