नयी दिल्ली, 10 अगस्त : कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद पेट्रोल, डीजल और एलपीजी मूल्य में संशोधन पर रोक का असर पेट्रोलियम कंपनियों पर दिखने लगा है. रेटिंग एजेंसी फिच ने बुधवार को कहा कि इस वजह से चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का मुनाफा प्रभावित होगा.
सार्वजनिक क्षेत्र के खुदरा ईंधन विक्रेताओं ने चार महीने से अधिक समय से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए सरकार की कोशिशों में मदद के लिए ऐसा किया गया. यह भी पढ़ें : SSC CPO Recruitment 2022: दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर पदों पर भर्ती, ग्रेजुएट्स करें अप्लाई- इतनी होगी सैलरी
फिच ने एक टिप्पणी में कहा, ‘‘गैसोलीन (पेट्रोल), गैसोइल (डीजल) और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की कीमतों को बढ़ाने पर लगी रोक के कारण भारतीय पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है.’’ हालांकि, फिच ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 से स्थितियों में सुधार होने लगेगा.