राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को किया संबोधित
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Photo Credits ANI)

शिमला, 17 सितंबर : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने सशस्त्र बलों में हिमाचल प्रदेश के लोगों के योगदान की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह देश की सेवा करने वाले ‘‘ राज्य के बहादुर सैनिकों को सलाम करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि राज्य के मेजर सोमनाथ शर्मा परमवीर चक्र पाने वाले पहले जवान थे. राष्ट्रपति ने यह बात हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा दिए जाने की स्वर्ण जयंती के मौके पर आहूत विधानसभा के विशेष सत्र में कही. स्वर्ण जयंती समारोह 25 जनवरी 2021 को मनाया जाना था, लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर तब यह विशेष सत्र स्थगित कर दिया गया था. अब राज्य में पूरे वर्ष स्वर्ण जयंती का जश्न मनाया जाएगा. राष्ट्रपति ने कहा कि हिमचाल प्रदेश के अभी करीब 1.20 लाख जवान देश के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ रक्षा बल का प्रमुख होने के नाते, मैं देश की सेवा करने वाले, हिमाचल प्रदेश के बहादुर सैनिकों को सलाम करता हूं.’’

राष्ट्रपति ने अपने 18 मिनट के संबोधन में यह भी कहा कि पूरे देश में विकास की दृष्टि से राज्य को ‘सिरमौर’ बन जाना चाहिए. ‘सिरमौर’, का अर्थ है ताज, यह हिमाचल प्रदेश का एक जिला है. उन्होंने राज्य के किसानों से राज्य की सुंदरता को बनाए रखने के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाने का आग्रह किया. राष्ट्रपति ने कहा कि वह पिछले 45 वर्षों से हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता के प्रति आकर्षित हैं. उन्होंने 1974 में पहली बार राज्य का दौरा किया और उस समय वे कुल्लू-मनाली गए थे और तब से उन्होंने कई बार राज्य का दौरा किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि यशवंत सिंह परमार, ठाकुर राम लाल, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली सभी सरकारों ने हिमाचल प्रदेश को वर्तमान स्थिति में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पहाड़ी राज्य ने 2014 में विधानसभा को कागजरहित बना अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण पेश किया है.

उन्होंने नीति आयोग 2020-21 की उस रिपोर्ट के संबंध में भी पहाड़ी राज्य को बधाई दी, जिसमें हिमाचल प्रदेश पूरे देश में दूसरे नंबर पर था. इस बीच, कोविंद ने एक संस्कृत ‘श्लोक’ का भी पाठ किया. उन्होंने राज्य में हालिया आपदाओं के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजन के प्रति भी संवेदना व्यक्त की. कोविंद हिमाचल प्रदेश विधानसभा को संबोधित करने वाले तीसरे राष्ट्रपति हैं. तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी क्रमश: 2003 तथा 2013 में राज्य विधानसभा को संबोधित कर चुके हैं. केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी विशेष सत्र में शामिल हुए. हालांकि, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुख राम और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार सत्र में शामिल नहीं हो सके. वन मंत्री राकेश पठानिया भी मौजूद नहीं थे, उनके निजी सुरक्षा कर्मी के हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद से वह पृथक रह रहे हैं. इससे पहले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री और विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने भी सदन में अपने विचार रखे थे. कोविंद शनिवार को राष्ट्रीय लेखा परीक्षा एवं लेखा अकादमी, भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा के विदाई समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. रविवार को वह दिल्ली लौटेंगे.