वाशिंगटन, 19 अगस्त एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि कोविड रोधी टीका लगवाने वाली गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गैर-गर्भवती महिलाओं की तुलना में किसी भी तरह के अधिक गंभीर लक्षण नहीं होते हैं। यह सर्वेक्षण 17000 से अधिक महिलाओं पर किया गया है।
यह अध्ययन जर्नल ‘जेएएमए नेटवर्क ऑपन’ में प्रकाशित हुआ है। इसमें गर्भवती महिलाओं या स्तनपान करानी वाली महिलाओं को शामिल किया गया है। साथ में उन महिलाओं को सम्मिलित किया गया है जो जनवर 2021 में न गर्भवती थी और न स्तनपान कराती थीं।
महिलाओं को कोविड रोधी टीके की कम से कम एक खुराक लेने के बाद अपनी प्रतिक्रिया बताने के लिए आमंत्रित किया गया था। मार्च तक 17,525 महिलाओं ने प्रतिक्रिया दी।
इन महिलाओं में 44 प्रतिशत गर्भवती, 38 फीसदी स्तनपान कराने वाली महिलाएं शामिल थी और 15 प्रतिशत वे महिलाएं थीं जिनकी निकट भविष्य में गर्भवती होनी की योजना थी।
अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर लिंडा एकर्टे ने बताया कि अध्ययन के मुताबिक, जिनकी टीका लगवाने के बाद जिस तरह के प्रभावों की उम्मीद की जाती है ,गर्भवती महिलाओं में वैसी ही प्रभाव थे, उससे ज्यादा कुछ नहीं था।
अध्ययन में शामिल अधिकतर महिलाओं (62 प्रतिशत) ने फाइजर का टीका लगवाया था और उनमें से अधिकतर अमेरिका में रहती हैं।
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन में शामिल 91 महिलाओं ने इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द, 31 फीसदी ने थकान और 100 डिग्री के बुखार की शिकायत की।
उन्होंने बताया कि 5-7 फीसदी के छोटे समूह ने टीकाकरण के बाद दूध में कमी की शिकायत की।
एकर्टे ने बताया कि अध्ययन के अनुसार, महिलाओं ने अच्छी तरह से टीके को सहन किया और उन्हें अन्य प्रासंगिक टीकों के लिए क्लिनिकल परीक्षणों में शामिल करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “ हम उम्मीद करते हैं कि ये आंकड़े आश्वस्त करने वाली एक और जानकारी है कि क्यों गर्भवती महिलाओं को कोविड रोधी टीका लगवाने की जरूरत है।”
उन्होंने बताया कि टीका गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है। एकर्टे ने कहा , “ हमें लगातार पता चल रहा है कि गर्भावस्था में कोविड-19 संक्रमण कितना खतरनाक है।”
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