श्रीनगर, आठ अक्टूबर दक्षिण कश्मीर की बिजबेहरा सीट से पहली बार लड़े चुनाव में हारने वाली पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन रहने के कारण हारी है और कहा कि पीडीपी पर ‘हमला’ हुआ है।
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता बशीर अहमद वीरी से उनकी हार के लिए कई कारण जिम्मेदार थे।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने कहा कि उन्होंने जोखिम उठाया था, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ मेरे बारे में नहीं था। इसके पीछे कई कारण थे।’’
उन्होंने यहां 'पीटीआई वीडियो' से कहा, "हमारी पार्टी टूट गई थी, हमने एनसी के हाथों अपनी सीट खो दीं क्योंकि घाटी में लोग या तो एनसी या पीडीपी को चुनते हैं। इस बार उन्होंने एनसी को मौका देने का फैसला किया और पीडीपी के टूटने का फायदा एनसी को मिला।"
इल्तिजा ने कहा कि पीडीपी को हार का सामना करना पड़ा और वह घाटी में केवल तीन सीट ही हासिल कर सकी, क्योंकि पार्टी पर 'हमला' हुआ था।
उन्होंने कहा, "हमारे 25 विधायक, दो राज्यसभा सदस्य और कई मंत्री पार्टी से चले गए और उनके साथ ही हमारे कार्यकर्ता भी पार्टी छोड़कर चले गए। यह भाजपा के साथ गठबंधन के कारण नहीं हुआ। हमारी पार्टी पर हमला हुआ।"
जम्मू कश्मीर में 2014 के चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। इसके बाद राज्य में सरकार बनाने के लिए पीडीपी और भाजपा ने चुनाव-पश्चात गठबंधन किया था।
अपनी चुनावी लड़ाई के बारे में इल्तिजा ने कहा कि वह जानती थीं कि यह जोखिम भरा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगी, इल्तिजा ने कहा कि पांच साल का समय काफी लंबा होता है।
इल्जिता को वीरी से 9,770 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा है।
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