चंडीगढ़, 15 दिसंबर पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को कहा कि उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को एक पत्र लिखकर पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का साथ देने का आग्रह किया है।
इन किसानों की मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी भी शामिल है। पंधेर का यह बयान एसकेएम नेता राकेश टिकैत द्वारा किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने हेतु ‘‘संयुक्त संघर्ष’’ के लिए किसानों की एकजुटता का आह्वान करने के कुछ दिनों बाद आया है।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 'दिल्ली चलो मार्च' का आयोजन कर रहे हैं और सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।
इससे पहले, 101 किसानों के एक "जत्थे" ने छह और 8 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास किया था। हालांकि हरियाणा में सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाला एसकेएम 'दिल्ली चलो' मार्च के आह्वान का हिस्सा नहीं था।
पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमने उन भाइयों की तरफ हाथ बढ़ाया है जो दिल्ली आंदोलन-2 (दिल्ली चलो मार्च) में भाग नहीं ले सके। हमने उनसे कहा है कि जो भी मतभेद (यूनियनों के बीच) हैं, उन्हें किसानों और मजदूरों के हित में भूल जाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने भाइयों को एक पत्र लिखा है। हम उनसे (एसकेएम) सकारात्मक संदेश की उम्मीद करते हैं।’’
पंधेर ने पत्र में कहा कि उन्होंने जारी आंदोलन की शुरुआत से पहले एकता के लिए प्रयास किया था, लेकिन विभिन्न कारणों से तब प्रयास सफल नहीं हो सके।
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