नयी दिल्ली, 17 दिसंबर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को विश्वास जताया कि नये रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (डीपीएसयू) गुणवत्ता, कारोबार और लाभप्रदता में नये आयाम स्थापित करेंगे।
राजनाथ ने यह टिप्पणी रक्षा मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की एक बैठक में की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नये डीपीएसयू भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर' बनाएंगे।"
सरकार ने 2021 में सात सरकारी रक्षा कंपनियों की स्थापना की थी, जिन्हें पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) से अलग किया गया था।
पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य आयुध कारखानों को उत्पादक और लाभदायक परिसंपत्तियों में बदलना, उत्पाद रेंज में विशेषज्ञता में सुधार लाना और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना था।
बैठक में नये डीपीएसयू की भूमिका और कार्यों पर विचार-विमर्श किया गया।
समिति को डीपीएसयू की वित्तीय स्थिति, आधुनिकीकरण, पूंजीगत व्यय, निर्यात और उसके (डीपीएसयू) द्वारा विकसित नये उत्पादों से अवगत कराया गया।
राजनाथ ने अपने संबोधन में महत्वपूर्ण उत्पादों के स्वदेशीकरण, विनिर्माण सुविधाओं के आधुनिकीकरण और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को बढ़ावा देने में नये डीपीएसयू द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ ने इस तथ्य की सराहना की कि आयुध निर्माणी बोर्ड को कंपनियों का रूप दिए जाने के बाद नये डीपीएसयू ने उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार दिखाया है।
उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में इन डीपीएसयू की बिक्री और लाभ में अच्छी प्रगति हुई है।
राजनाथ ने विश्वास जताया कि नये डीपीएसयू आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण को आगे बढ़ाएंगे और विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकियों को शामिल करके गुणवत्ता, कारोबार, लाभप्रदता और अन्य वित्तीय मापदंडों में नये आयाम स्थापित करेंगे।
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