नयी दिल्ली, 12 दिसंबर : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि जाति जनगणना और भागीदारी के बुनियादी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सरकार की ओर से पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा कुछ अन्य मुद्दों का उल्लेख किया जा रहा है. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए एक वक्तव्य के बारे में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर को प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 'गलतियों' के कारण नुकसान उठाना पड़ा. इस क्रम में शाह ने ‘असामयिक’ संघर्षविराम और कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने जैसे फैसलों को गिनाया.
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सदस्यों ने गृह मंत्री के जवाब के दौरान सदन से बहिर्गमन किया. राहुल गांधी ने शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पंडित नेहरू ने हिंदुस्तान के लिए अपना जीवन दे दिया. वह वर्षों जेल में रहे. अमित शाह जी को शायद इतिहास मालूम नहीं है. मैं उम्मीद भी नहीं करता कि उन्हें इतिहास मालूम होगा क्योंकि वह इतिहास का पुनर्लेखन करते रहते हैं.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए यह सब किया जा रहा है. जाति जनगणना और भागीदारी तथा धन किसके हाथ में जा रहा है, यही बुनियादी और मुख्य मुद्दा है. यह भी पढ़ें : अंडमान: बिजली कटौती को लेकर चल रहे प्रदर्शन में होटल कर्मचारी भी शामिल हुए, पर्यटक परेशान
ये लोग इन मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं, इनसे भागते हैं.’’ भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) से आने वाले मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री भी ओबीसी थे. सवाल यह है कि पूरी व्यवस्था में कितनी भागीदारी है. प्रधानमंत्री ओबीसी हैं, लेकिन सरकार को 90 अफसर चलाते हैं और उनमें तीन ओबीसी है. इन तीन अधिकारियों का कार्यालय भी कोने में है.’’ उन्होंने कहा कि ध्यान भटकाने के लिए नेहरू और अन्य मुद्दों पर बात की जाती है.