लखनऊ, 16 मई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि ड्रग माफिया के पूरे नेटवर्क का खात्मा करने और नशे की लत के शिकार लोगों के पुनर्वास के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय नारकोटिक्स समन्वय पोर्टल (एनकॉर्ड) राज्य स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई. बैठक में केंद्र सरकार व राज्य सरकार के कई अधिकारियों ने हिस्सा लिया. यह भी पढ़ें: UP: विकास में आमजन को सहभागी बनाने के लिए जल्द शुरू होगी 'मातृभूमि योजना'- योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के उत्पादन, खरीद-फ़रोख़्त और तस्करी के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों से इसके लिए पुख्ता खुफिया सूचनाएं इकट्ठा करने, बेहतर कार्ययोजना तैयार करने और फिर पूरी तैयारी के साथ बड़ी कार्रवाई करने को कहा.
उन्होंने कहा, ‘‘जो भी व्यक्ति ऐसे असामाजिक कार्य में संलिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ कुर्की सहित कठोरतम कार्रवाई की जाए. ड्रग माफिया के पूरे नेटवर्क का खात्मा किया जाना आवश्यक है.’’मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि एक व्यापक समस्या है और इससे निपटने के प्रयास भी एकीकृत होने चाहिए.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि संवेदनशील जिलों में सतर्कता और खुफिया तंत्र को और बेहतर करना होगा. आदित्यनाथ ने कहा कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने गोरखपुर में नया जोन मुख्यालय बनाए जाने का निर्णय लिया है. आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यालय के भवन के लिए आवश्यक भूमि और अन्य संसाधन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी.
उन्होंने कहा, ‘‘नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त लोग समाज के दुश्मन हैं. वे मानवता के अपराधी हैं. ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए. मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में की जानी जरूरी है, ताकि अपराधियों को जल्द सजा मिले.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एनडीपीएस अधिनियम के तहत सर्वाधिक लंबित मुकदमों वाले जिलों में विशेष अदालत का गठन किया जाना चाहिए. इस संबंध में शासन स्तर से आवश्यक कार्यवाही की जाए.’’
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