लखनऊ, 16 मई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में आमजन को सहभागी बनाने के लिए "मातृभूमि योजना" शुरू की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनहित में संचालित विभागीय योजनाओं की प्रगति समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. यह भी पढ़ें: Rozgar Mela 2023: रोजगार मेला के तहत पीएम मोदी आज 71,000 लोगों को देंगे नियुक्ति पत्र
यहां जारी एक बयान के अनुसार योगी ने अधिकारियों से कहा कि गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में आमजन को सहभागी बनाने के लिए "मातृभूमि योजना" की औपचारिक शुरुआत शीघ्र ही की जाएगी. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों ने इस योजना से जुड़कर अपने गांव में अपने पूर्वजों के नाम पर भवन, सड़क, कम्युनिटी सेंटर, आदि बनवाने की इच्छा जताई है. इस योजना से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए. नगरीय क्षेत्र के लिए भी ऐसी योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाए.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश से बाहर जाकर बसे राज्य के लोग अगर अपने गांव के विकास के लिये कुछ करना चाहते हैं तो सरकार ने उनके लिये ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ को 10 नवंबर, 2021 को मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दी थी. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया था कि मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है.
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति या निजी संस्था किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य, अवस्थापना सुविधा का विकास एवं पंचायतीराज अधिनियम-1947 में प्रावधानित कार्यों को कराना करना चाहता है और कार्य की लागत की 60 प्रतिशत धनराशि वहन करने का इच्छुक है, तो शेष 40 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी.
प्रवक्ता ने बताया था कि ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी’ का गठन किया जाएगा। सोसायटी को 100 करोड़ की निधि उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका उपयोग किसी योजना हेतु राज्यांश के बजट की उपलब्धता न होने पर किया जाएगा एवं बजट उपलब्ध होने पर इसे वापस लौटाया जाएगा.
समीक्षा बैठक में तहसीलों की कार्यप्रणाली में बड़े सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पारदर्शिता, समयबद्धता को लेकर ठोस प्रयास करना होगा और जन शिकायतों व समस्याओं का निस्तारण एक समय सीमा के भीतर होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि उत्तराधिकार से जुड़े प्रकरणों को अनावश्यक लंबित न रखा जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि दिसंबर तक सभी पात्र ग्रामीणों की घरौनी तैयार हो जाये। उन्होंने कहा कि लक्ष्य है कि इस वर्ष के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र "घरौनी" मिल जाए.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करते हुए कहा कि आमजन की अपेक्षाओं का ध्यान रखते हुए तहसीलों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत की जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है.
योगी ने कहा कि ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर बिना विलंब उचित समाधान किया जाए. योगी ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने की हिदायत के साथ कहा कि अप्रैल माह में संचालित संचारी रोग अभियान का आमजन के बीच अच्छा संदेश गया है. उन्होंने कहा कि साफ-सफाई और शुद्ध पेयजल के सेवन के लिए लोगों को जागरूक करें, बाल रोग विशेषज्ञों का भी सहयोग लें.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित नहीं होना चाहिए। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। उन्होंने सभी गौ-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारू करने और गोवंश को गर्मी अथवा धूप से सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाने के भी निर्देश दिए.
बैठक में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह समेत कई प्रमुख मंत्री एवं अधिकारी मौजूद थे.
आनन्द
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