कोझिकोड, सात दिसंबर केरल के संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने शनिवार को कहा कि न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट में छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और राज्य सरकार इसकी सिफारिशों को लागू कर रही है।
रिपोर्ट में, मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ होने वाले ‘‘उत्पीड़न और यौन शोषण’’ को उजागर किया गया है।
मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने अदालती निर्देशों का सख्ती से पालन किया तथा केवल (रिपोर्ट) के उन हिस्सों को छोड़ दिया है जिन्हें राज्य सूचना आयोग ने जारी न करने की सिफारिश की थी।
चेरियन ने कहा, ‘‘यह मामला फिलहाल उच्च न्यायालय में है और यदि न्यायालय या सूचना आयोग निर्देश देता है कि इन अंशों को सार्वजनिक किया जाए तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है।’’
उन्होंने सिनेमा में महिलाओं के समक्ष आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और कहा कि पहली बार भारत में ऐसी समिति गठित की गई है।
मंत्री ने कहा, ‘‘हमने रिपोर्ट के संबंध में राज्य सूचना आयोग द्वारा निर्देशित सभी जानकारी का खुलासा कर दिया है और सब कुछ पारदर्शी है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार फिल्म नीति सहित हेमा समिति की सिफारिशों को लागू कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार एक फिल्म नीति का मसौदा तैयार करेगी।’’
वर्ष 2017 में अभिनेत्री पर हमला मामले के बाद केरल सरकार ने न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन किया था तथा इसकी रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और यौन शोषण के मामलों को उजागर किया गया।
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