देश की खबरें | केजरीवाल ‘सत्ता के भूखे नहीं, जनता का विश्वास जीतना चाहते’ है: फारूक अब्दुल्ला

श्रीनगर, 15 सितंबर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा से स्पष्ट होता है कि वह सत्ता के भूखे नहीं हैं और लोगों के पास दोबारा जाना चाहते हैं ‘‘जो या तो उन्हें चुनेगी या खारिज कर देगी’’।

अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘वह दिल्ली में नए चुनाव चाहते हैं ताकि वह लोगों के पास जा सकें और यह लोग ही हैं जो उन्हें चुनेंगे या खारिज करेंगे’’।

उन्होंने कहा कि आबकारी घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं और इसलिए वह चाहते हैं कि जनता फैसला करे।

नेकां अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वे (एजेंसियां) उन पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर पाए हैं, इसलिए वह जनता के बीच जाना चाहते हैं ताकि लोग फैसला करें। यह बहुत अच्छी बात है कि उन्हें सत्ता की भूख नहीं है, उन्होंने समय रहते ही कुर्सी छोड़ दी। वह लोगों का विश्वास हासिल करना चाहते हैं और लोकतंत्र में यह बहुत बड़ी बात है।’’

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह लोगों को तय करना है कि वे किसी को पसंद करते हैं या नहीं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘चार हजार लोगों को आने दीजिए, उन्हें चुनाव लड़ने दीजिए। यह लोकतंत्र है, उन्हें लोगों के पास जाने दीजिए और उन्हें बताने दीजिए कि वे क्या करना चाहते हैं। यह जनता ही है जो तय करेगी कि किसे पसंद करना है और किसे नहीं।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अब्दुल्ला, मुफ्ती और गांधी परिवार पर कटाक्ष किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए मोदी के बयानों पर सवाल उठाया।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। वह ‘सबका साथ’ कहते रहते हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या 22 करोड़ मुसलमान भारतीय नहीं हैं? क्या उन्होंने यह नहीं कहा था कि वे घुसपैठिए हैं? क्या उन्होंने यह नहीं कहा था कि अगर आपके पास दो गाय या घर हैं, तो उनमें से एक मुसलमानों को दे दिया जाएगा?’’

नेकां अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी ने)कहा कि मंगलसूत्र छीनकर मुसलमानों को दे दिए जाएंगे। क्या यह प्रधानमंत्री की है? ‘सबका साथ’ कहां है और वह हमारे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री कहते हैं कि 22 करोड़ मुसलमान घुसपैठिए हैं, तो मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री खुद घुसपैठिए हैं।’’

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