कोवैक्सिन बनने से लेकर टीकाकरण तक, लगता है चार महीने का वक्त: भारत बायोटेक
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Bharat Biotech)

हैदराबाद, 28 मई: कोविड-19 का टीका ‘कोवैक्सीन’ को बनाने से लेकर उसकी आपूर्ति करने में चार माह का समय लग जाता है. यह सब प्रौद्योगिकी और नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर करता है. भारत बायोटेक ने शुक्रवार को यह कहा. कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी की जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘कोवैक्सीन के बैच बनाने, उनका परीक्षण करने और उन्हें गंतव्य के लिये जारी करने में करीब 120 दिन का समय लग जाता है. इसमें प्रौद्योगिकी ढांचे और नियामकीय दिशानिर्देशों का अनुपालन भी देखना होता है.’’

इसमें कहा गया है, ‘‘इस लिहाज से इस साल मार्च में कोवैक्सीन की जिस खेप का उत्पादन किया गया वह जून के महीने में ही आपूर्ति के लिये तैयार होगी.’’ भारत बायोटेक की ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब देश में कोविड-19 टीके की भारी कमी महसूस की जा रही है. इससे राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान में भी बाधा उत्पन्न हो रही है.

कंपनी ने कहा है कि कोवैक्सीन को उत्पादन से लेकर उसके टीकाकरण के लिये उपलब्ध होने में चार माह का समय लग जाता है. ‘‘विनिर्माण, परीक्षण, जारी करने और टीका का वितरण एक जटिल और विविध चरणों की प्रक्रिया है जिसमें सैकड़ों चरण होते हैं और विभिन्न प्रकारण के मानव संसाधनों की इसमें जरूरत पड़ती है.’’

भारत बायोटेक ने कहा कि टीके का उत्पादन बढ़ाने एक कदम दर कदम आगे बढ़ने वाली प्रक्रिया है. इसमें कई तरह के नियामकीय और गुणवत्ता परक विनिर्माण व्यवहार की मानक परिचालन प्रक्रियायें शामिल हैं.

कंपनी ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार को भेजी जाने वाली टीके के खेप केन्द्र सरकार से प्राप्त आवंटन व्यवस्था पर आधारित है. भारत बायोटेक के कारखाने से राज्य और केन्द्र सरकार के डिपो में टीका खेप पहुंचने का समय करीब दो दिन है. इसके बाद राज्यों से जिलों तक इसे पहुंचाने में कुछ और दिन लग जाते हैं.

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