भुवनेश्वर, 10 जनवरी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास केंद्र की प्राथमिकता है और इसे भारत की विदेश नीति में भी शामिल किया गया है।
जयशंकर ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के अंतिम दिन आयोजित ‘‘आदर्श महिला प्रवासी: महिला नेतृत्व और प्रभाव - नारी शक्ति’’ विषय पर आयोजित पूर्ण सत्र की अध्यक्षता करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि भारत तब तक विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता जब तक कि ‘‘हम पारंपरिक, ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टिकोणों से निपटने में सक्षम नहीं हो जाते। अगर भारत को एक आधुनिक, औद्योगिक, तकनीक-केंद्रित समाज बनना है तो हम 50 प्रतिशत प्रतिभा की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर सकते।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है। इसे हमारी विदेश नीति में भी शामिल किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि महिलाओं के कौशल को उचित सम्मान देते हुए सरकार सामाजिक विषमताओं को कम करके उनके पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में केंद्र द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के तहत मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया, मुद्रा योजना के तहत तीन करोड़ महिला उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराया गया और सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 32 लाख बैंक खाते खोले गए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली महिला प्रवासी महिलाओं की प्रशंसा करते हुए जयशंकर ने कहा कि उनकी उपलब्धियां सभी के लिए प्रेरणादायी हो सकती हैं।
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