वाशिंगटन, 14 मई : अमेरिका के एक अटॉर्नी के अनुसार अमेरिका में स्थायी निवासी के तौर पर रहने वाले एक भारतीय नागरिक ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को नाजी जर्मनी की विचारधारा से प्रेरित तानाशाही में बदलने के इरादे से किराए के एक ट्रक से व्हाइट हाउस पर हमला करने का अपराध स्वीकार किया है. अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच हुए समझौते के वक्तव्य के अनुसार मिसूरी में सेंट लुईस के रहने वाले वरशित कांदुला (20) ने भाड़े के एक ट्रक को व्हाइट हाउस के परिसर में घुसा दिया और वह राजनीतिक सत्ता पर कब्जा करने के लिए व्हाइट हाउस तक पहुंचने का प्रयास कर रहा था.
अमेरिकी जिला अदालत के न्यायाधीश डाबनी एल. फ्रेडरिक ने कांदुला को सजा सुनाने के लिए 23 अगस्त की तारीख तय की है. अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू ग्रेव्स ने सोमवार को कहा कि कांदुला का इरादा लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को नाजी जर्मनी की विचारधारा से प्रेरित तानाशाही वाली सरकार में बदलना और खुद को अमेरिका का सर्वेसर्वा बनाना था. न्याय विभाग ने कहा कि कांदुला ने जांचकर्ताओं के सामने स्वीकार किया कि अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए यदि आवश्यक होता तो वह अमेरिकी राष्ट्रपति और अन्य लोगों की हत्या के लिए बंदोबस्त करने को तैयार था. यह भी पढ़ें :संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गाजा में सुरक्षा कर्मचारी की मौत पर दुख जताया, हमले की निंदा की
विभाग ने कहा कि उसकी हरकतों का मकसद डरा-धमकाकर या दबाव डालकर सरकार के कामकाज को प्रभावित करना था. अदालती दस्तावेजों के अनुसार कांदुला 22 मई, 2023 की दोपहर सेंट लुईस, मिसोरी से एक वाणिज्यिक विमान से वाशिंगटन डीसी के लिए रवाना हुआ था. कांदुला शाम करीब 5:20 बजे ड्यूल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा और उसने 6:30 बजे एक ट्रक किराए पर लिया. वह भोजन और गैस के लिए रुका और फिर वाशिंगटन डीसी चला गया, जहां रात 9:35 बजे उसने ट्रक को व्हाइट हाउस के बाहर लगे अवरोधकों से टकराया