सरकार का भारत पेट्रोलियम के निजीकरण से पीछे हटने का कोई इरादा नहीं: धर्मेंद्र प्रधान
मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली, 27 जून: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (Petroleum Corporation Limited) के निजीकरण से पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है. वह यहां बीएनईएफ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बीच प्रधान से भारत पेट्रोलियम के निजीकरण पर पुनर्विचार करने को लेकर प्रश्न किया गया था. प्रधान ने कहा, "भारत पेट्रोलियम के विनिवेश पर दोबारा विचार करने की जहां तक बात है तो मेरा स्पष्ट जवाब ‘ना’ है. सरकार में इस बात को लेकर स्पष्ट सोच है कि सरकार का काम व्यवसाय करना नहीं है."

उन्होंने कहा कि हालांकि, भारत पेट्रोलियम के विनिवेश के समय के बारे में वित्त मंत्रालय फैसला लेगा. सरकार ने पिछले साल नवंबर में भारत पेट्रोलियम में अपनी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था. इसके लिए संभावित बोली लगाने वालों से 31 जुलाई तक उनके रुचि पत्र मांगे गए हैं.

प्रधान ने कहा, "भारत पेट्रोलियम पर हमने जो निर्णय लिया है, हम उस पर अडिग हैं." उन्होंने कहा कि इच्छुक कंपनियों के लिए अपने रुचि पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि फिलहाल 31 जुलाई है. इस बेचने का वास्तविक समय बाजार पर निर्भर करेगा.

यह भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार चौथे दिन भी बढ़े, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बड़ी बात

भारत पेट्रोलियम खरीदने वाली कंपनी को भारतीय ईंधन विपणन बाजार में सीधे 22 प्रतिशत की हिस्सेदारी और देश की रिफाइनिंग क्षमता में 15.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल होगी. भारत पेट्रोलियम का बाजार मूल्यांकन 85,316 करोड़ रुपये है और मौजूदा दर पर सरकार की हिस्सेदारी का मूल्य 45,200 करोड़ रुपये बैठता है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के तहत 2.1 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये बीपीसीएल का विनिवेश काफी अहम है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)