NCERT Textbooks: एनसीईआरटी पर आरोप है कि उसने स्कूल की नई पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया है, जिस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने सफाई देते हुए आरोप को गलत बताया है. प्रधान ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, CERT पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटाने के आरोपों का कोई आधार नहीं है. वहीं आगे प्रधान ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पहली बार @ एनसीईआरटी ने पाठ्यपुस्तकों में भारत के संविधान के विभिन्न पहलुओं— प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार, राष्ट्रगान, को उचित महत्व और सम्मान देने का काम किया है.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान फिर वहीं आगे एक्स पर लिखा, बच्चों के समग्र विकास के लिए NEP के दृष्टिकोण का पालन करते हुए इन सभी पहलुओं को age-appropriate विभिन्न चरणों की पाठ्यपुस्तकों में रखा जा रहा है। लेकिन, शिक्षा जैसे विषय को भी अपने झूठ की राजनीति के लिए इस्तेमाल करना और इसके लिए बच्चों का सहारा लेना कांग्रेस पार्टी की घृणित मानसिकता को दिखाता है। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले और भारतीय शिक्षा व्यवस्था को बकवास बताने वालों को झूठ फैलाने से पहले सच जानने की कोशिश करनी चाहिए. यह भी पढ़े: NCERT Books PDF Free Download 2020: कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक एनसीईआरटी की ई-बुक्स ncert.nic.in पर ऐसे करें डाउनलोड
जानें शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा:
Union Education Minister Dharmendra Pradhan tweets, "The allegations of removing the Preamble of the Constitution from NCERT textbooks have no basis. For the first time under the National Education Policy, NCERT has given due importance and respect to various aspects of the… pic.twitter.com/WeGY10hN5x
— ANI (@ANI) August 6, 2024
प्रधान ने कांग्रेस पर साधा निशान:
प्रधान ने कहा कि मैकाले की विचारधारा से प्रेरित कांग्रेस शुरू से ही भारत के विकास और शिक्षा व्यवस्था से घृणा रखती है। यह तर्क कि केवल संविधान की प्रस्तावना ही संवैधानिक मूल्यों का प्रतिबिंब है, कांग्रेस की संविधान की समझ को उजागर करता है। कांग्रेस का पाप का घड़ा भर चुका है और आजकल जो 'झूठे संविधान प्रेमी' बनकर घूम रहे हैं और संविधान की प्रति लहरा रहे हैं, इनके पूर्वजों ने ही बार-बार संविधान की मूल भावना की हत्या करने का काम किया था.
कांग्रेस पार्टी में अगर थोड़ी सी भी शर्म और आत्मग्लानि बची हो तो पहले संविधान, संवैधानिक मूल्यों और NEP को समझे और देश के बच्चों के नाम पर अपनी क्षुद्र राजनीति करना बंद करे.
जानें एनसीईआरटी ने क्या कहा:
वहीं इन आरोपों को लेकर एनसीईआरटी ने शाम स्पष्ट किया कि पाठ्यपुस्तकों से प्रस्तावना को हटाने का आरोप निराधार है. एनसीईआरटी में पाठ्यक्रम अध्ययन और विकास विभाग की प्रमुख प्रोफेसर रंजना अरोड़ा के मुताबिक पहली बार एनसीईआरटी भारतीय संविधान के विभिन्न पहलुओं- प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार और राष्ट्रगान को बहुत महत्व दे रहा है. इन सभी को विभिन्न चरणों की पाठ्यपुस्तकों में रखा जा रहा है.