जरुरी जानकारी | भारत-यूएई व्यापार समझौते से आभूषण क्षेत्र को मिलेगी शुल्क मुक्त पहुंच: वाणिज्य सचिव

नयी दिल्ली, 19 फरवरी वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुए व्यापार समझौते से घरेलू आभूषण क्षेत्र को यूएई के बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी, जिससे निर्यात को अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा।

दूसरी ओर खाड़ी देश को यहां के सोने के बाजार में अधिक पहुंच मिलेगी, क्योंकि भारत 200 टन तक के स्वर्ण आयात पर शुल्क में छूट देगा। भारत ने 2020-21 में यूएई से करीब 70 टन सोना आयात किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सोने के एक प्रमुख आयातक देश हैं। भारत हर साल लगभग 800 टन सोना आयात करता है। इस विशेष समझौते में, हमने उन्हें (यूएई) 200 टन का टीआरक्यू (टैरिफ रेट कोटा) दिया है, जहां शेष विश्व के लिए जो भी आयात शुल्क लगाया जाएगा, उससे शुल्क हमेशा एक प्रतिशत कम होगा।’’

सुब्रमण्यम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह यूएई को सोने पर एक प्रतिशत मूल्य का लाभ मिला है।’’

उन्होंने कहा कि भारत के लिए सबसे बड़ा लाभ यह है कि घरेलू आभूषणों के लिए यूएई के बाजार में ‘‘शून्य शुल्क पहुंच मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि अभी तक भारतीय आभूषणों पर पांच प्रतिशत शुल्क था, जो अब शून्य हो गया है जिससे रत्न और आभूषण क्षेत्र को लाभ होगा।

भारत और यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने और लाखों की संख्या में रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारत और यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने के बाद कहा था कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) मई में प्रभावी हो सकता है और पहले दिन से ही भारतीय हित से जुड़े करीब 90 प्रतिशत उत्पादों के लिये यूएई को निर्यात का रास्ता खुल जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबु धाबी के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ऑनलाइन शिखर वार्ता के दौरान व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। समझौते पर भारत की तरफ से गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने हस्ताक्षर किये। दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर रूपरेखा भी जारी की।

मुक्त व्यापार समझौते से भारत और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे। इसमें बेहतर बाजार पहुंच और कम शुल्क दरें शामिल हैं। इस एफटीए से अगले पांच साल में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि भारत और यूएई ने व्यापार समझौते के लिये औपचारिक बातचीत पिछले साल सितंबर में शुरू की थी। कुल 881 पृष्ठ के समझौते को रिकार्ड 88 दिनों में ही पूरा कर लिया गया।

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