संयुक्त राष्ट्र, 26 जनवरी: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की कोवैक्स पहल को धीरे-धीरे टीके की आपूर्ति करेगा और विभिन्न देशों को अनुबंध के आधार पर चरणबद्ध तरीके से टीके की आपूर्ति करेगा. नयी दिल्ली (New Delhi) ने टीका कूटनीति के जरिए नौ देशों को टीके की 60 लाख से ज्यादा खुराकें भेजी हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत के नागराज नायडू ने सोमवार को कहा, "दुनिया में सबसे बड़े टीका निर्माता के तौर पर, हम अपने टीके के उत्पादन और वितरण क्षमता को पूरी मानवता के लाभ के लिए उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा कर रहे हैं."
अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का रखरखाव: प्रस्ताव 2532 के कार्यान्वयन पर आगे की कार्रवाई पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नायडू ने कहा कि भारत में दो टीकों के आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है और देश की योजना पहले छह महीनों में करीब 30 करोड़ नागरिकों को टीका लगाने की है. प्रस्ताव 2532 (2020) को जुलाई 2020 में स्वीकार किया गया था. यह दुनिया के सबसे कमजोर देशों में कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में एकजुट होकर मदद करने के लिए वैश्विक युद्ध विराम की संयुक्त राष्ट्र महासचिव की अपील पर समर्थन व्यक्त करता है.
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नायडू ने कहा, "हमने प्रथम चरण में नौ देशों को 60 लाख से अधिक खुराकें भेज चुके हैं. चरणबद्ध तरीके से अनुबंध के आधार पर अन्य देशों को आपूर्ति की जा रही है. हम विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स पहल को भी धीरे-धीरे आपूर्ति करेंगे." नायडू ने कहा कि भारत ने क्लिनिकल क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कई भागीदार देशों को प्रशिक्षण भी दिया है और टीका लगाने की उनकी क्षमताओं को भी बढ़ाया है. कोवैक्स एक वैश्विक पहल है जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी देशों को, भले ही उनकी आय का स्तर जो भी हो, कोविड-19 का टीका तेजी से और समान तरीके से पहुंचे.
नायडू ने परिषद को बताया कि भारत ने तत्काल स्वास्थ्य और चिकित्सा आपूर्ति के माध्यम से 150 से अधिक देशों की सहायता की है. नयी दिल्ली ने टीका गठबंधन जीएवीआई को 1.5 करोड़ खुराकें देने का संकल्प जताया है और अपने पड़ोसियों के लिए कोविड-19 आपात कोष को संचालित किया है औऱ उसमें शुरुआती तौर पर एक करोड़ डॉलर का योगदान दिया है. नायडू ने चेताया, "जब तक सब सुरक्षित नहीं हो जाते तब तक कोई सुरक्षित नहीं होगा.
हमारा प्रयास टीके को दुनियाभर में पहुंचाने, समान तरीके से पहुंचाने और किफायती आधार पर पहुंचाने की दिशा में काम करने का है." भारत ने पड़ोसी प्रथम नीति के अनुरूप अनुदान सहायता के आधार पर नेपाल, बांग्लादेश, भूटान तथा मालदीव को कोविड-19 के टीके भेजे हैं. भारत ने अपने यहां कोरोना वायरस के खिलाफ व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है. भारत में अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके लगाये जा रहे हैं.
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