अगर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आया तो यह किसानों की आवाज बनेगा: राहुल गांधी
Rahul Gandhi | Credit- ANI

नासिक, 14 मार्च : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) यदि सत्ता में आता है तो वह “किसानों की आवाज” बनेगा और ऐसी नीतियां बनाएगा जो उनकी सुरक्षा कर सके. उन्होंने किसानों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से बाहर करने का वादा किया. गांधी कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के साथ महाराष्ट्र के नासिक जिले के चंदवाड में एक किसान रैली को संबोधित कर रहे थे. गांधी ने कहा, “ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की सरकार किसानों की आवाज बनेगी और उनके हितों की रक्षा के लिए काम करेगी. मेरी और हमारी (‘इंडिया गठबंधन की) सरकार के दरवाजे किसानों के लिए हमेशा खुले रहेंगे.”

उन्होंने किसानों के लिए ऋण माफी, किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए फसल बीमा योजना के पुनर्गठन, निर्यात आयात नीतियों के निर्माण में फसल की कीमतों की रक्षा करने और कृषि को जीएसटी से बाहर करने की कोशिश करने तथा सिर्फ एक कर पर काम करने वादा किया. वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने के कांग्रेस के वादे को भी दोहराया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि देश में 20-25 लोगों के पास उतनी संपत्ति है जितनी देश की 70 करोड़ आबादी के पास है. उन्होंने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है. गांधी ने कहा, “ यह राशि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के 24 वर्षों के (बजट के) बराबर है जिसके तहत गरीब लोगों को रोजगार देने के लिए हर साल 35 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं.” यह भी पढ़ें : अगर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आया तो यह किसानों की आवाज बनेगा : राहुल गांधी

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पिछली सरकार ने किसानों का 70 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था. उन्होंने कहा ‘‘अगर अमीर लोगों का कर्ज माफ किया जा सकता है तो किसानों को भी लाभ मिलना चाहिए.’’ रक्षा बलों में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘अग्निवीरों’ को न पेंशन मिलेगी और न शहीद का दर्जा. गांधी ने कहा कि उन्हें सिर्फ छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्होंने कहा, “जैसे सैनिक हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, वैसे ही किसान देश में नागरिकों की रक्षा करते हैं. अगर हम अपने जवानों और किसानों की रक्षा नहीं करेंगे, तो देश प्रगति नहीं कर सकता है." राकांपा (एसपी) नेता शरद पवार ने किसान और कृषि क्षेत्र की दशा को लेकर केंद्र सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, “ किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत नहीं मिलती है जिस वजह से वे कर्जे में डूब जाते हैं और आत्महत्या करते हैं. संप्रग सरकार ने किसानों का 70 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था.” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम किसान विरोधी, युवा विरोधी सरकार को हराएं जो महंगाई लाती है.” शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) लोगों के हितों के लिए संघर्ष में राहुल गांधी के साथ हैं. एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं. यह राष्ट्रीय स्तर विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है.

बाद में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पत्रकारों से कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद अगर विपक्षी गठबंधन सत्ता में आता है तो कितना कर्ज माफ किया जाएगा इसके लिए एक अलग आयोग का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नयी फसल बीमा योजना बनाई जाएगी जो 'किसानों के हित में होगी, न कि निजी कंपनियों के हित में.'' रमेश ने कहा कि कृषि से संबंधित वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के लिए जीएसटी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा. उन्होंने कहा,“मोदी सरकार की नीति चंदा देने वालों का सम्मान और किसानों का अपमान करने की है. लेकिन किसान हमारी नीति निर्धारण का केंद्र बिंदु होंगे.”