बेंगलुरु, 3 नवंबर: कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी इच्छा को उजागर करते हुए शुक्रवार को कहा कि यदि भाग्य ने उनका साथ तो वह राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने की इच्छा रखते हैं. जी परमेश्वर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य में नेतृत्व में मध्यावधि परिवर्तन की चर्चा को खारिज करते हुए दावा किया कि वह पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
परमेश्वर किसी दिन उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखने की सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना की इच्छा पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. तुमकुर जिला मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजन्ना ने कहा, ‘‘ परमेश्वर आज गृह मंत्री हैं. भविष्य में कुछ भी हो सकता है. मेरा मानना है कि आने वाले दिनों में उन्हें मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त होगा। हम उनके भाग्य को 'पूरिपूर्ण' करने के लिए काम करेंगे। इसके बारे में कोई संदेह नहीं है.’’ यह भी पढ़ें:- AAP ने राजस्थान चुनाव के लिए चौथी लिस्ट जारी की, 26 उम्मीदवारों के नाम शामिल
राजन्ना ने कहा कि जिले से मुख्यमंत्री होने से वहां के लोग खुश होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ अगर वह (परमेश्वर) बन जाते हैं तो हम सभी को मुख्यमंत्री बनने का एहसास होगा. ’’ कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष परमेश्वर (72) ने कहा, ‘‘ मैं राजन्ना का आभारी हूं। मैं भी चाहता हूं कि ऐसा सौभाग्य घटित हो। कई योग्य उम्मीदवार हैं, जो मुख्यमंत्री बन सकते हैं. सबको अवसर मिलने दीजिए.’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें कब पदोन्नत किया जा सकता है.
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि जब सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार तुमकुर में उनके घर आए थे तो इस मुद्दे पर कोई चर्चा हुई थी. इस बीच, कर्नाटक के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा 'दिल्ली में चार लोग' तय करते हैं. प्रियांक खरगे ने कहा,‘‘ जैसा कि मैंने कहा है कि दिल्ली में चार लोग एक साथ बैठते हैं और निर्णय लेते हैं. उन चार लोगों को छोड़कर जो भी बात करेगा उसका कोई मूल्य नहीं है. अगर पार्टी आलाकमान कहता है कि मैं मुख्यमंत्री हूं तो मैं उस पर 'हां' कहूंगा. ’’
उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार क भाई एवं लोकसभा सदस्य डी के सुरेश ने कहा कि जब मुख्यमंत्री का पद खाली नहीं है तो ऐसे में अटकलों भरे प्रश्नों पर विचार करने का कोई अर्थ नहीं है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस को राज्य में शासन करने के लिए पांच वर्ष दिये हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया एवं उप मुख्यमंत्री शिवकुमार के पस सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने का लक्ष्य है.
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