नयी दिल्ली, 15 जुलाई : भारत में फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे मंचो पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण अभिव्यक्ति और सूचना की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और घृणा फैलाने जैसे कृत्यों की वजह से मानवाधिकारों को खतरा है. सोशल मीडिया कंपनी मेटा ने मानवाधिकारों से संबंधित अपनी पहली रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.
यह रिपोर्ट भारत और अन्य देशों में फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे मंचो से संबंधित संभावित मानवाधिकार जोखिमों पर मेटा द्वारा 2019 में शुरू किए गए एक स्वतंत्र मानवाधिकार प्रभाव मूल्यांकन (एचआरआईए) पर आधारित है. रिपोर्ट के मुताबिक एचआरआईए ने मेटा के फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे मंच पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण पैदा होने वाले मानवाधिकार जोखिमों का अध्ययन किया है. यह भी पढ़ें : अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की शनिवार को घोषणा कर सकती है भाजपा
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभिव्यक्ति और सूचना की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध के अलावा शत्रुता, घृणा, भेदभाव और हिंसा को उकसाने वाले कृत्यों से व्यक्ति की निजता और सुरक्षा के अधिकार जैसे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है.