शिमला, 28 अप्रैल: हिमाचल प्रदेश के कोटखाई कस्बे के जंगल में चार साल पहले 16 साल की एक स्कूली छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में बुधवार को यहां की एक अदालत ने 28 वर्षीय एक आरोपी को दोषी करार दिया. अभियुक्त को सुनायी जाने वाली सजा के संबंध में 11 मई को सुनवाई होगी. इस मामले में पीड़िता का जिक्र गुड़िया के रूप में किया गया था और वह चार जुलाई 2017 को कोटखाई से लापता हो गयी थी. दो दिनों बाद उसका शव जंगल में मिला था. Himachal Pradesh: आत्महत्या से पहले सुसाइड पॉइंट के बारे में इंटरनेट पर किया सर्च, उसके बाद पहाड़ी से कूदा, आगे जो हुआ...
इस मामले में कई नाटकीय मोड़ देखने को मिले और इसमें एक व्यक्ति की हिरासत में मौत भी शामिल है जिस पर पहले अपराध में शामिल होने का संदेह था. इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार भी किया गया था.
उसके बाद जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने संभाला और तीन साल पहले अनिल कुमार को गिरफ्तार किया था. विशेष न्यायाधीश राजीव भारद्वाज ने लकड़हारे अनिल कुमार उर्फ नीलू को भारतीय दंड संहिता और बच्चों के यौन अपराध से संरक्षण कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दुष्कर्म और हत्या का दोषी ठहराया.
अदालत ने कहा कि सीबीआई द्वारा पेश किए गए साक्ष्य के 14 महत्वपूर्ण बिंदुओं में से 12 दोषी के खिलाफ थे. उनमें से सबसे अहम अपराध स्थल पर मिले नमूनों के साथ उसके डीएनए का मिलान था.
न्यायाधीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई के दौरान फैसला सुनाया. शिमला की एक जेल से सुनवाई में शामिल अनिल कुमार ने कहा कि वह निर्दोष है.
इस घटना को लेकर जनता ने आक्रोश जताया था और नाबालिग पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लोगों ने आंदोलन किया था. जन आक्रोश के बीच हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया था जिसने हिरासत में मौत को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी सहित नौ पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया था.
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