देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार से पंचायत चुनाव कार्यक्रम की सूचना उपलब्ध कराने को कहा

नैनीताल, 17 दिसंबर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से प्रदेश में पंचायत चुनाव के कार्यक्रम के बारे में 14 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने को कहा।

उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा ने ये निर्देश उस अधिसूचना को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए जिसके जरिए अपना कार्यकाल खत्म कर चुके निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को हाल में उनके संबधित जिला पंचायतों में प्रशासक नामित कर दिया गया था।

अधिसूचना के जरिए जिलाधिकारियों को जिला पंचायतों के निर्वाचित अध्यक्षों को उनका प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार दिया गया था।

अधिसूचना के अनुपालन में हाल में जिलाधिकारियों ने जिला पंचायतों के अध्यक्षों को उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनका प्रशासक नियुक्त कर दिया था।

उधमसिंह नगर जिले के निवासी सुमन सिंह और कालाढूंगी के निवासी तारा सिंह नेगी ने सरकारी अधिसूचना को उच्च न्यायालय में 30 नवंबर को चुनौती दी थी।

याचिका में अधिसूचना को रद्द करने का अनुरोध किया गया।

खंडपीठ ने राज्य सरकार से 14 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल कर अदालत को पंचायत चुनाव के कार्यक्रम के बारे में बताने को कहा है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने अदालत को बताया कि 2011 में उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने मुख्य न्यायाधीश की अदालत में यह हलफनामा दिया था कि आपदा के समय को छोड़कर भविष्य में कभी भी जिला पंचायतों में प्रशासक नियुक्त नहीं किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि ये नियुक्तियां उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के निर्देशों के खिलाफ है।

याचिका में कहा गया है कि नियमों के अनुसार राज्य सरकार को जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त होने के छह माह पहले ही चुनाव कार्यक्रम घोषित कर देना चाहिए था।

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