विदेश की खबरें | भीषण गर्मी के बीच हज यात्रियों ने शैतान रूपी खंभों को पत्थर मारे
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

यहां सुबह का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पवित्र शहर मक्का के बाहर जमरात परिसर तक पैदल चलकर या बसों से पहुंचे।

रात में जमा किये गये पत्थरों को तीन चौड़े खंभों को मारा जाता है जिन्हें शैतान का रूप माना जाता है।

इस रस्म को अदा करने के दौरान 1990 तथा 2000 के दशकों में कई बार भगदड़ मच गयी थी और सैकड़ों लोग मारे गये।

तब से सऊदी अधिकारियों ने पैदल जाने वालों के लिए बड़े पुल बना दिये हैं और इस स्थान को हज करने वालों के लिहाज से और सुरक्षित बनाया है।

इस साल हज के सामने सबसे बड़ा खतरा गर्मी का है।

मंगलवार को यहां का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया था। इस दौरान हज यात्रियों ने अराफात की पहाड़ी पर नमाज अदा की जहां न छाया थी और ना ही हवा चल रही थी।

हज करने वालों के हाथ में छाते थे और वे पानी पीकर गर्मी से बचने की कोशिश कर रहे थे।

सऊदी अधिकारियों ने हज यात्रियों और स्वयंसेवकों के लिए हजारों की संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया है।

सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसने लू के 287 मरीजों का इलाज किया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)