बेंगलुरु, तीन जनवरी कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने सरकारी बसों के किराये में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी को शुक्रवार को उचित ठहराया और इसका विरोध करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि चूंकि परिवहन कर्मचारियों के वेतन में संशोधन की आवश्यकता थी, इसलिए बस किराए में बदलाव अपरिहार्य था।
मंत्री ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी चार निगम कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम, केकेआरटीसी कल्याण सड़क परिवहन निगम, उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम और बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन परिवहन निगम, बस किराए में वृद्धि की मांग कर रहे थे।
रेड्डी ने कहा कि आखिरकार सरकार ने बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक में किराया बढ़ाने का फैसला लिया।
मंत्री ने कहा कि 2014 में जब उनके पास परिवहन विभाग था, तब बस किराया बढ़ाया गया था।
उन्होंने कहा कि जब डीजल की कीमतें कम हुईं, तो किराए में दो फीसदी की कटौती की गई।
इससे पहले 20 जनवरी, 2020 को तत्कालीन भाजपा सरकार ने केएसआरटीसी, केकेआरटीसी और एनडब्ल्यूकेआरटीसी की बसों के किराए में 12 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
रेड्डी ने चुटकी लेते हुए कहा, "जो लोग आज विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, वे 2020 में बस किराए में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार थे। आज आंदोलन का नेतृत्व करने वाले भाजपा नेता आर. अशोक 2020 में परिवहन मंत्री थे।”
मंत्री के मुताबिक, 2020 में जब भाजपा सत्ता में थी तो डीजल पर रोजाना खर्च 9.16 करोड़ रुपये था, जो अब 13.21 करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने बताया कि ईंधन और कर्मचारियों पर खर्च समेत दैनिक परिचालन लागत 2020 में 12.85 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 18.86 करोड़ रुपये हो गई है।
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