Gujarat Elections: आस्था की नगरी सोमनाथ के चुनावी इतिहास में कांग्रेस का रहा है जलवा
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नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर : गुजरात की राजनीति में आस्था के केंद्र सोमनाथ का नाम आते ही भारतीय जनता पार्टी की विजय यात्रा में इसके योगदान की भूमिका ध्यान में आती है. लेकिन एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को चुनावी सफलता कम ही मिली है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक,1960 में गुजरात राज्य के गठन के बाद 1962 से 2017 तक हुए सभी 13 विधानसभा चुनावों में सिर्फ दो ही मौके पर भाजपा सोमनाथ विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार जिता पाई है. जबकि कांग्रेस इस सीट को आठ बार जीत चुकी है. भाजपा 1995 से गुजरात की सत्ता पर काबिज है.

तीन मौके ऐसे आए, जब अन्य दलों के उम्मीदवारों ने यहां से जीत हासिल की. साल 1967 के चुनाव में यहां से स्वतंत्र पार्टी ने, आपातकाल के बाद हुए 1980 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने और 1990 के चुनाव में जनता दल के उम्मीदवार ने यहां से जीत दर्ज की. ज्ञात हो कि चुनावी मौसम में कोई भी नेता सोमनाथ मंदिर में पूजा अर्चना का मौका नहीं छोड़ता. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिछले लगभग सभी चुनावों में सोमनाथ जरूर जाते रहे हैं. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पिछले विधानसभा चुनाव में सोमनाथ की यात्रा की थी. यह भी पढ़ें : Gujarat Elections: हिंदुत्व पर BJP और AAP आमने-सामने, भाजपा का आरोप- आप नेताओं ने हिंदू देवताओं को दी गाली

उस वक्त उनके धर्म को लेकर विवाद हो गया था, जब उन्होंने कथित तौर पर गैर-हिंदुओं के रजिस्टर में हस्ताक्षर किए थे. हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोमनाथ में चुनाव प्रचार किया. सोमनाथ सीट के इस मिजाज के बारे में पूछे जाने पर गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार आर के मिश्रा ने पीटीआई- से बातचीत में कहा कि सोमनाथ निश्चित तौर पर हिन्दूओं की आस्था का एक बड़ा केंद्र है लेकिन यहां ध्रुवीकरण का कोई इतिहास नहीं रहा है.