भारत में ओमीक्रोन से पहली मौत; कोविड के मामलों में “बेतहाशा वृद्धि”: केंद्र सरकार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 6 जनवरी : भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से मौत का पहला मामला बुधवार को राजस्थान में सामने आया जबकि कोविड-19 के नये मामले 70,000 के पार चले गए. केंद्र ने इसे “बेतहाशा वृद्धि” बताया है जिसका प्रसार वायरस की दूसरी क्रूर लहर के दौरान दर्ज प्रसार से “कहीं ज्यादा” है. संक्रमण के प्रसार की गति को दर्शाने वाला पैमाना ‘आर नॉट वैल्यू’ अभी के मामलों में अधिक स्तर पर है. तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के बढ़ती महामारी से निपटने के लिए रात के कर्फ्यू को नए सिरे से लागू करने वाले राज्यों की बढ़ती सूची में शामिल होने के साथ ही केंद्र ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि (पिछले आठ दिनों में 6.3 गुना वृद्धि) शहरों में हो रही है और ओमीक्रोन स्वरूप इसका प्रमुख कारण है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आर नॉट वैल्यू’ 2.69 है. यह 1.69 के उस आंकड़े से अधिक है जो हमने महामारी की दूसरी लहर के चरम पर देखी थी. मामलों का प्रसार पहले से कहीं अधिक तेज है."

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी तक कोरोना वायरस के नये स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के 2,135 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 828 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं. ये मामले 24 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में सामने आए. महाराष्ट्र में सबसे अधिक 653 मामले सामने आए, इसके बाद दिल्ली में 464, केरल में 185, राजस्थान में 174, गुजरात में 154 और तमिलनाडु में 121 मामले सामने आए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में 73 वर्षीय व्यक्ति जिसकी पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई, उसके नमूने में ओमीक्रोन स्वरूप की उपस्थिति दिखी. स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजस्थान में मौत का मामला "तकनीकी रूप से" ओमीक्रोन से संबंधित है. उन्होंने कहा, ‘‘ ओमीक्रोन से संक्रमित होने की रिपोर्ट आने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो गई थी. मरीज बुजुर्ग व्यक्ति थे और उन्हें मधुमेह के साथ अन्य बीमारियां भी थीं एवं प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज अन्य रोगों के साथ-साथ संक्रमण के लिए किया जा रहा था.’’

अग्रवाल ने कहा,‘‘हमारे दिशानिर्देश कहते हैं कि अगर कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की मौत होती है तो उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाता है. इसी प्रकार अगर व्यक्ति ओमीक्रोन से ग्रस्त पाया जाता है और भले ही इसका देर से पता चले, हम उसे ओमीक्रोन संक्रमण का मामला मानते हैं.’’ राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने बताया कि व्यक्ति (73) के नमूने के जीनोम अनुक्रमण में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है उसकी दो बार कोविड जांच की गई थी जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी और 31 दिसंबर को उदयपुर के अस्पताल में मरीज की मौत हो गई थी. कई राज्यों ने कई चिकित्सकों के संक्रमित होने की जानकारी दी है जिससे किसी संकट से निपटने के लिए चिकित्सा कर्मियों की कमी की आशंका पैदा हो गई है. मुंबई में महाराष्ट्र सरकार और नगर निकाय द्वारा संचालित अस्पतालों के 159 रेजिडेंट डॉक्टर तीन दिन में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में एक दिन में कोविड-19 के 58,097 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,50,18,358 हो गई है. करीब 199 दिन बाद इतने अधिक दैनिक मामले सामने आए हैं. इससे पहले 20 जून 2021 को 58,419 नए मामले सामने आए थे. देश में 534 और संक्रमितों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,82,551 हो गई है. वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या करीब 81 दिन बाद दो लाख के पार चली गई. अगर शाम को कुछ राज्य अधिकारियों द्वारा जारी किए गए आंकड़ों को भी ध्यान में रखा जाए तो देशव्यापी कोविड मामले 70,000 के आंकड़े को पार कर गए. महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और दिल्ली उन राज्यों में शामिल थे, जिन्होंने मामलों में एक दिन में भारी उछाल दर्ज किया. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शहरों में कोविड के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है और "ओमीक्रोन का प्रसार प्रमुख है." उन्होंने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में कहा कि संक्रमण फैलने की गति को कम करने के लिए सामूहिक समारोहों से बचने की जरूरत है.

पॉल ने कहा, "अब हम कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि का सामना कर रहे हैं और हम मानते हैं कि बड़े पैमाने पर, यह ओमीक्रोन की वजह से है, विशेष रूप से हमारे देश के पश्चिमी हिस्सों में और यहां तक कि विशेष रूप से बड़े शहरों में जहां से हमारे पास अधिक डेटा है." उन्होंने कहा कि गत 30 दिसंबर को संक्रमण दर 1.1 प्रतिशत थी और अगले दिन, यह 1.3 प्रतिशत हो गई तथा अब देश में पांच प्रतिशत की संक्रमण दर है. पॉल ने कहा कि इसी तरह, 30 दिसंबर को कोविड के 13,000 मामले थे और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 58,000 हो गई. हालांकि, उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की दर अपेक्षाकृत कम है. यह दिल्ली में 3.7 फीसदी और मुंबई में पांच फीसदी के करीब है. पॉल ने कहा, "यह हमारे पास शुरुआती इनपुट है. इसकी तुलना में पिछले साल और यहां तक कि 2020 में भी अस्पताल में भर्ती होने की दर 20 फीसदी के करीब थी." हालांकि,उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और लोगों को सतर्क, अनुशासित तथा तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश महामारी के इस चरण का भी सामना करेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर देखी जा रही है, पॉल ने कहा कि अन्य देशों में, यह देखा गया है कि तेजी से वृद्धि की तरह, मामलों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है.

उन्होंने कहा, "डेनमार्क, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में, एक या डेढ़ महीने के भीतर मामलों में गिरावट शुरू हो गई. हम अपनी आबादी के लिए यह स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते. यह कैसे व्यवहार करता है, यह पिछले संक्रमणों, टीकाकरण की स्थिति और हमारी अपनी विशेषताओं और जनसंख्या घनत्व पर निर्भर करेगा. यह नहीं कहा जा सकता है कि जिस तरह एक महीने के भीतर मामलों की स्थिति वहां हुई, वह यहां भी होगी.’’ नीति आयोग के सदस्य ने कहा, "इस स्तर पर यह कहना कि यह किस बिंदु तक चलेगा और कितने समय तक, यह जल्दबाजी होगा. यदि कोई वैज्ञानिक डेटा आता है, तो हम साझा करेंगे." लव अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्तर पर कोविड के मामलों में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि चार जनवरी को वैश्विक स्तर पर 25.2 लाख मामले दर्ज किए गए, जो महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारत में पिछले आठ दिनों में कोविड के मामलों में 6.3 गुना वृद्धि दर्ज की गई है. संक्रमण दर में तीव्र वृद्धि हुई है और यह 29 दिसंबर के 0.79 प्रतिशत के आंकड़े से बढ़कर पांच जनवरी को 5.03 प्रतिशत तक हो गई है.’’ यह भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल में तेजी से बढ़ रहे कोविड के मामले, कोलकाता सबसे आगे

अग्रवाल ने कहा कि छह राज्यों - महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु में प्रत्येक में 10,000 से अधिक उपचाराधीन मामले हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड और गुजरात में कोविड-19 मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है. अग्रवाल ने कहा कि 28 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक साप्ताहिक संक्रमण दर है, जबकि 43 जिलों में 5-10 प्रतिशत के बीच साप्ताहिक संक्रमण दर है.’’ स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में 534 मरीजों की मौत के साथ मृतक संख्या बढ़कर 4,82,551 पहुंच गई. देश में अभी 2,14,004 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.61 प्रतिशत है जबकि मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.01 प्रतिशत है. पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 42,174 की वृद्धि दर्ज की गई है.