नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर वित्त मंत्रालय ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों से अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के लिए व्यय प्रस्ताव मांगे हैं।
मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच को संसद के आगामी सत्र में ही रखे जाने का प्रस्ताव है। शीतकालीन सत्र नवंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।
ऐसी मांगों के तहत शामिल किए जाने लायक मामलों में भारत की आकस्मिक निधि से जारी हो चुकी अग्रिम राशि से संबंधित मामले भी होंगे। इसके अलावा अदालती आदेश के तहत किए गए भुगतान भी इसका हिस्सा होंगे।
मंत्रालय ने कहा कि विशेष रूप से शीतकालीन सत्र में अनुपूरक मांग को आगे बढ़ाने की उसकी सलाह से जुड़े मामले भी इस प्रस्ताव का हिस्सा होंगे।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘अनुपूरक अनुदान पर निर्णय करते समय अनुदान नियंत्रण प्राधिकारी को प्रस्ताव के भीतर बचत पर जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि निरर्थक या बढ़ी हुई पूरक मांगों को छांटा जा सके और पूरक अनुदान मिलने के बाद उसे लौटाने की स्थिति न आए।’’
इस ज्ञापन के अनुसार, मंत्रालयों को अपनी बजट-पूर्व बैठकें पूरी होने की तारीख से सात दिन के भीतर अपने पूरक प्रस्ताव प्रस्तुत करने होंगे।
संशोधित अनुमान (आरई) 2023-24 और बजट अनुमान 2024-25 को अंतिम रूप देने के लिए बजट-पूर्व बैठकें 10 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच होने वाली हैं।
अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों की संभावना को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किए जाने की उम्मीद है।
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