त्रिशूर (केरल), एक जनवरी प्राचीन लैटिन पुस्तक ‘‘हॉर्टस मालाबारिकस’’ का अंग्रेजी और मलयालम में अनुवाद करने वाले प्रख्यात वनस्पति विज्ञानी एवं पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित के. एस. मणिलाल का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
वह 86 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह कुछ समय से अस्वस्थ थे और यहां एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
के. एस. मणिलाल का पूरा नाम कट्टुंगल सुब्रह्मण्यन मणिलाल था।
वह कालीकट विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के पूर्व प्रमुख थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिलाल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वनस्पति विज्ञान में उनका समृद्ध कार्य वनस्पति विज्ञानियों और शोधकर्ताओं की पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बना रहेगा।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘केरल के इतिहास और संस्कृति के प्रति भी उनकी गहरी रुचि थी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। ओम शांति।’’
वनस्पति विज्ञान में उनके दशकों के योगदान, विशेष रूप से 17वीं सदी की वनस्पति विज्ञान की पुस्तक ‘हॉर्टस मालाबारिकस’ का अंग्रेजी और मलयालम में अनुवाद करने के उनके प्रयासों ने उन्हें व्यापक मान्यता दिलाई। ‘हॉर्टस मालाबारिकस’ मालाबार क्षेत्र (भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट) की समृद्ध वनस्पतियों का दस्तावेज है। यह पुस्तक शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और क्षेत्र के वनस्पति इतिहास का अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बनी हुई है।
मणिलाल ने कई किताबें लिखीं और 200 से ज्यादा शोधपत्र प्रकाशित किए। इसके अलावा उन्होंने कई नये पादपों की प्रजातियों की भी खोज की। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए केंद्र ने उन्हें 2020 में पद्मश्री से सम्मानित किया।
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