नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर चुनाव आयोग ने बिहार में तीन चरणों में होने वाले चुनाव में मतदान वाले दिन और उससे एक दिन पहले राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों एवं अन्य द्वारा अप्रमाणित विज्ञापन प्रकाशित किये जाने पर रोक लगाई है।
आयोग ने कहा है कि जब तक विज्ञापन की सामग्री को स्क्रीनिंग समिति प्रमाणित नहीं करती तब तक उन्हें प्रकाशित नहीं किया जा सकता।
यही पाबंदी सात नवंबर को बिहार के वाल्मीकि नगर लोकसभा उपचुनाव के लिए भी लागू होगी।
आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला किया है।
चुनाव आयोग ने पहली बार 2015 के बिहार चुनाव में इस तरह का फैसला किया था।
मतदान वाले दिन और उससे एक दिन पहले राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने का प्रस्ताव कुछ साल से विधि मंत्रालय के पास लंबित है।
आयोग ने सोमवार को बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि प्रिंट मीडिया में भ्रामक प्रकृति के विज्ञापन प्रकाशित किये जाने के मामले पहले भी उसके संज्ञान में आये हैं।
उसने कहा, ‘‘मतदान के अंतिम चरण में इस तरह के इश्तहार पूरी चुनाव प्रक्रिया को खराब कर देते हैं। इस तरह के परिदृश्य में प्रभावित उम्मीदवारों और पार्टियों को स्पष्टीकरण देने का कोई अवसर ही नहीं मिलेगा।’’
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