नयी दिल्ली, 30 जुलाई पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को संपत्ति प्रबंधन कंपनियों को एक दिन की परिपक्वता अवधि वाले कोष (ओवरनाइट म्यूचुअल फंड) की योजनाओं के निवेशकों को यूनिट को तत्काल भुनाने की सुविधा देने की छूट दी। इससे वे यूनिट के विमाचन के आवेदन के दिन ही राशि संबंधित निवेशक के खाते में भेज सकेंगे।
इससे पहले, संपत्ति प्रबंधन कंपनियों को यह सुविधा कम समय के निवेश वाली योजनाओं यानी लिक्विंड फंड के लिये मिली थी। लिक्विंड फंड में अधिकतम 91 दिन की अवधि के लिये निवेश किया जाता है।
तत्काल पहुंच सुविधा (आईएएफ) के तहत निवेशक जिस दिन प्रतिभूतियों को बेचने के लिये आवेदन देता है, उसी दिन राशि उसके बैंक खाते में आ जाती हैं
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि एएमसी म्यूचुअल फंड की एक दिन और कुछ दिनों के निवेश वाली योजनाओं में तत्काल पहुंच सुविधा की पेशकश कर सकती हैं।
इसके अलावा, नियामक ने बिना दावे वाली भुनायी गयी राशि और लाभांश को लेकर नियमों में बदलाव किया है।
सेबी ने कहा कि बिना दावे वाली भुनायी गयी राशि और लाभांश को वर्तमान में केवल कॉल मनी मार्केट या मुद्रा बाजार से जुड़े उत्पादों यानी ट्रेजरी बिजली, प्रोमिसरी नोट आदि में निवेश की अनुमति है। इस राशि को अब एक दिन, कुछ दिनों के लिये निवेश वाले कोष और उस मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड योजनाओं में भी निवेश किया जा सकता है जिसे म्यूचुअल फंड ने विशेष रूप से बिना दावे वाली राशि के लिये बनाया है।
एक दिन के निवेश वाला उत्पाद यानी ओवरनाइट फंड एक ‘डेट फंड’ होता है। इसमें ऐसी ऋण प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है, जिसकी परिपक्वता अवधि एक दिन की होती है। इसमें सीबीएलओ (कोलेटरलाइज्ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग आब्लिगशन), एक दिन के रिवर्स रेपो और अन्य बांड या मुद्रा बाजार प्रतिभूति शामिल हैं।
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