महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने मंगलवार को कहा कि एकनाथ शिंदे गुट मुंबई में शिवसेना भवन या राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी खेमे से जुड़ी किसी भी अन्य संपत्ति को लेने में दिलचस्पी नहीं रखता. केसरकर ने दावा किया कि ठाकरे का नेतृत्व वाला प्रतिद्वंद्वी गुट निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद इस मुद्दे पर सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के प्रवक्ता केसरकर ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे चुनाव चिह्न ‘‘धनुष और तीर’’ आवंटित करने के बाद उसकी पार्टी कोष पर दावा करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं है.
उन्होंने कहा कि शिंदे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनका गुट शिवसेना भवन, मध्य मुंबई के दादर स्थित पार्टी मुख्यालय, या ठाकरे समूह से जुड़ी किसी भी संपत्ति पर दावा करने में दिलचस्पी नहीं रखता तथा दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा दिये गए विचार उनकी असली संपत्ति है. यहां पत्रकारों से बात करते हुए केसरकर ने कहा, ‘‘यह गलत धारणा है कि हम शिवसेना भवन या उद्धव ठाकरे से जुड़ी किसी अन्य संपत्ति को अपने कब्जे में लेने जा रहे हैं। हमें पार्टी कोष में भी कोई दिलचस्पी नहीं है. यह भी पढ़े: Maharashtra: चुनाव आयोग का फैसला, उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, एकनाथ शिंदे के गुट के पास गया 'शिवसेना' का नाम, 'धनुष और तीर' का चुनाव चिह्न
उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे इस मुद्दे से सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें कुछ नहीं चाहिए क्योंकि हमारे पास दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचार हैं. इन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद ठाकरे गुट के सदस्यों द्वारा पार्टी कोष कुछ अन्य बैंक खातों में अंतरित किए जा रहे हैं, केसरकर ने कहा, ‘‘कुछ व्यक्तिगत बैंक खातों में पैसा अंतरित करना गलत है। ये कोष आम पार्टी कार्यकर्ताओं के योगदान से जुटाया गया था.
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