छत्रपति संभाजीनगर, 24 नवंबर शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अब्दुल सत्तार की सिल्लोड विधानसभा सीट पर 2,420 मतों के अंतर से जीत को एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह न केवल विपक्षी शिवसेना (उबाठा) बल्कि सहयोगी भाजपा से भी मुकाबला कर रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ विवाद तब और बढ़ गया जब वरिष्ठ नेता रावसाहेब दानवे को जालना से लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। पार्टी पदाधिकारियों ने खुले तौर पर दावा किया कि सत्तार की इसमें भूमिका थी।
दानवे और सत्तार ने लोकसभा चुनाव के बाद और विधानसभा चुनाव से पहले एक-दूसरे के खिलाफ बयान दिए थे।
अपनी पार्टी के उम्मीदवार सुरेश बांकर के लिए सिल्लोड में आयोजित एक रैली में शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सत्तार को “क्षेत्र पर धब्बा” कहा था और खुले तौर पर भाजपा से उन्हें हटाने के लिए आगे आने को कहा था।
सत्तार ने 20 नवंबर को हुए चुनाव में कड़े मुकाबले में बांकर को 2,420 मतों से हराया। चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित किए गए।
सिल्लोड में लगभग 80 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सत्तार ने 2009 और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर यह सीट जीती थी, उसके बाद वह (अविभाजित) शिवसेना में चले गए और 2019 में भी उन्होंने इसे बरकरार रखा।
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