VIDEO: बेंगलुरु में 'भिखारी' ने इंग्लिश में की बातचीत, आइंस्टीन के 'सापेक्षता सिद्धांत' पर की टिप्पणी; वीडियो के पीछे है दुखद सच

बेंगलुरु: सड़क पर भीख मांगते हुए अक्सर लोग पैसे मांगते हुए दिखाई देते हैं, लेकिन बेंगलुरु के एक भिखारी ने पैसे नहीं, बल्कि अपनी ज्ञान की बातें शेयर की. एक इंस्ट्राग्राम यूज़र ने इस दिलचस्प बातचीत का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें भिखारी न केवल अंग्रेजी में बात कर रहा था, बल्कि प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टीन के 'सापेक्षता सिद्धांत' (Theory of Relativity) पर भी टिप्पणी कर रहा था.

वीडियो में दिख रहा है कि यह भिखारी 'सापेक्षता सिद्धांत' के बारे में बात कर रहा था और इस पर अपनी राय भी दे रहा था. वह कहता है, "1904 में उसने (आइंस्टीन) यह किताब 'सापेक्षता का सिद्धांत' लिखी. पहले, उसने विशेष सापेक्षता सिद्धांत लिखा, फिर दस साल बाद दूसरा सिद्धांत लिखा. कुछ भी काम नहीं किया, कुछ भी सही नहीं था. उसे एक भौतिक विज्ञानी माना गया." इसके बाद, उसने आइज़क न्यूटन का भी जिक्र किया.

अब सवाल यह उठता है कि सड़क पर भीख मांगने वाला यह आदमी भौतिकी के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत के बारे में इतना जानता कैसे है? इस वायरल वीडियो की सच्चाई कुछ और ही है, जो वास्तव में काफी दुखद है. बाद में पता चला कि यह भिखारी दरअसल एक अच्छी तरह से शिक्षित इंजीनियर था, जिसके पास विदेशों से डिग्रियां थीं.

इंस्टाग्राम यूज़र शरथ युवराज ने वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि यह व्यक्ति कभी माइंडट्री कंपनी में प्रोडक्ट इंजीनियर था और बेंगलुरु के ग्लोबल विलेज में काम करता था. उसने फ्रैंकफर्ट, जर्मनी से एमएस किया था. लेकिन व्यक्तिगत नुकसान ने उसकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया. उसने अपनी लंबी अवधि की प्रेमिका और माता-पिता को खो दिया था, जिसके बाद वह सड़क पर भीख मांगने को मजबूर हो गया. इस दुखद घटना ने उसे शराब पीने की आदत भी डाल दी, ताकि वह अपने दुख से बच सके.

13 नवंबर को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया और इसे हजारों लोगों ने देखा. अब लोग इस घटना को देखकर बहुत दुखी हैं कि एक शिक्षा प्राप्त व्यक्ति, जो कभी एक इंजीनियर था, आज सड़कों पर अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहा है.

नेटिज़न्स ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "उसे प्यार और मानसिक समर्थन की जरूरत है, वह कुछ चाहता है जो आजकल दुनिया में बहुत कम मिल रहा है... वह भीतर से टूट चुका है. उसने अपने माता-पिता को खो दिया है, जो उसकी जिंदगी का सहारा थे. वह अब अपनी पीड़ा को छिपाने की कोशिश कर रहा है. वह शिक्षित है, लेकिन उसका मन असलियत से भाग रहा है."

इस वीडियो ने यह संदेश दिया है कि कभी-कभी, बाहरी दुनिया से परे छिपी हुई कहानियाँ और संघर्ष होते हैं, जिनका हम कभी अंदाजा भी नहीं लगा सकते.