देश की खबरें | दिल्ली आबकारी ‘घोटाला’ : अदालत ने सीबीआई के गवाह दिनेश अरोड़ा को न्यायिक हिरासत में भेजा

नयी दिल्ली, 17 जुलाई राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने कथित दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में कारोबारी दिनेश अरोड़ा को सोमवार को दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है और 16 नवंबर 2022 को अदालत ने अरोड़ा को सरकारी गवाह घोषित किया था।

अरोड़ा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अवधि समाप्त होने पर उसे अदालत में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने मामले की सुनवाई करते हुए अरोड़ा को 31 जुलाई तक जेल भेज दिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि उसे अरोड़ा से और पूछताछ की आवश्यकता नहीं है, लेकिन दावा किया कि अगर उसे रिहा किया गया, तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है, गवाहों को प्रभावित कर सकता है, या फरार हो सकता है।

अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश पारित होने पर आरोपी ने मामले में जमानत की अर्जी दाखिल की।

अदालत ने अरोड़ा की अर्जी पर ईडी से 25 जुलाई तक जवाब मांगा है। उसी दिन अदालत जमानत अर्जी पर दलीलें सुनेगी।

अरोड़ा को लंबी पूछताछ के बाद छह जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।

अरोड़ा आम आदमी पार्टी (आप)नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कथित तौर पर करीबी सहयोगी था। सिसोदिया भी आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं और उन्हें ईडी के साथ-साथ सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया है।

ईडी ने एक पूरक आरोप पत्र में, सिसोदिया पर दिनेश अरोड़ा के माध्यम से एक अन्य व्यवसायी अमित अरोड़ा से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। संघीय जांच एजेंसी ने इस रिश्वत राशि को पीएमएलए के तहत ‘अपराध से प्राप्त आय’बताया है। अमित अरोड़ा को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।

यह संभवतः पहला मामला है जहां सीबीआई जांच में आरोपी से सरकारी गवाह बने व्यक्ति को ईडी ने गिरफ्तार किया है जबकि दोनों केंद्रीय एजेंसियां एक ही ‘घोटाले’ से जुड़े मामलों की जांच कर रही हैं।

दिनेश अरोड़ा 13वें व्यक्ति हैं जिन्हें ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने इस मामले में पांच आरोप पत्र दायर किए हैं, जिसमें सिसोदिया के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र भी शामिल है।

ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति ने ‘गिरोहबाजी’की अनुमति दी और कुछ कारोबारियों का पक्ष लिया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। हालांकि, दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप)ने इस आरोप का खंडन किया है।

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने भ्रष्टाचार के आरोप की सीबीआई से जांच की सिफारिश की और बाद में विवादित आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया। इसके बाद ईडी ने भी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।

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