देश की खबरें | भाजपा के इशारे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को जबरन खाली कराया गया: सीएमओ

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बुधवार को एक बयान में आरोप लगाया कि सिविल लाइंस में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित ‘‘मुख्यमंत्री आवास’’ को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर जबरन खाली कराया गया, क्योंकि उपराज्यपाल वी के सक्सेना इसे भाजपा के एक नेता को आवंटित करना चाहते हैं।

इस आरोप ने आप नीत सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच टकराव के एक और दौर का मंच तैयार कर दिया है।

उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने दावा किया कि 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगला मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास नहीं है और इसे अब तक मुख्यमंत्री आतिशी को आवंटित नहीं किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि आतिशी ने बिना आवंटन के अपना सामान वहां रखा और बाद में खुद ही उसे वहां से हटा दिया।

बंगले का मालिकाना हक लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास है और खाली होने के बाद वह बंगले पर कब्जा कर लेता है। बंगले का आवंटन वहां रखे सामान की उचित सूची बनाने के बाद किया जाता है।

उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि आम आदमी पार्टी को चिंतित नहीं होना चाहिए और सूची तैयार करने के बाद यह बंगला तुरंत मुख्यमंत्री को आवंटित कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री आतिशी सोमवार को अपने सामान के साथ उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में स्थित बंगले में चली गईं। यह बंगला नौ साल से अधिक समय तक उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल के पास था, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद इसे खाली कर दिया था।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में आरोप लगाया, ‘‘देश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री आवास खाली कराया गया। भाजपा के निर्देश पर उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री आतिशी का सामान जबरन हटवाया। उपराज्यपाल मुख्यमंत्री आवास को भाजपा के किसी बड़े नेता को आवंटित करने की तैयारी कर रहे हैं।’’

बयान में कहा गया, ‘‘27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा अब मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है।’’

बंगले से कार्डबोर्ड के डिब्बे लेकर एक पिकअप वैन निकलती देखी गई।

इस बीच, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि उपराज्यपाल मीडिया में यह खबर फैला रहे हैं कि मुख्यमंत्री आतिशी का सामान इसलिए हटा दिया गया क्योंकि उन्होंने इसकी चाबियां नहीं दी थीं और सामान की सूची तैयार होने के बाद यह उन्हें आवंटित कर दिया जाएगा।

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने उपराज्यपाल से सवाल किया कि क्या राज निवास की चाबियां उनके पूर्ववर्ती ने पीडब्ल्यूडी को सौंपी थीं और जब वह वहां पहुंचे थे तो क्या कोई सूची तैयार की गई थी।

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने एक बयान में पीडब्ल्यूडी द्वारा बंगले को ‘‘सील’’ करने का स्वागत करते हुए कहा कि यह अपरिहार्य था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बंगले पर ‘‘अवैध रूप से कब्जा’’ किया गया था और इसकी गहन जांच की मांग की।

भाजपा आतिशी पर फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला नंबर 6 पर ‘‘अवैध’’ तरीके से कब्जा करने का आरोप लगा रही है और इसे सील करने की मांग कर रही है। पार्टी ने दावा किया कि बंगला पीडब्ल्यूडी को नहीं सौंपा गया है और इसकी चाबियां अभी भी केजरीवाल के पास हैं।

दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई निर्धारित आवास नहीं है। पहले दिल्ली के अलग-अलग मुख्यमंत्री शहर के अलग-अलग इलाकों में बंगलों में रहते थे। 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से केजरीवाल फ्लैगस्टाफ रोड वाले बंगले में रह रहे थे।

इससे पहले, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आतिशी को बंगला अभी आधिकारिक रूप से आवंटित नहीं किया गया है। उन्होंने भाजपा पर बंगले को ‘‘हड़पने’’ की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि बंगला परिसर में मौजूद मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय खाली करा दिया गया है।

संवाददाता सम्मेलन में दस्तावेज दिखाते हुए सिंह ने दावा किया कि केजरीवाल ने बंगला सही तरीके से खाली किया। पीडब्ल्यूडी को भेजे जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने मंगलवार को एक पत्र में कहा कि 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगले की चाबियां 4 अक्टूबर को कैंप ऑफिस में अनुभाग अधिकारी मुकेश कुमार को सौंप दी गई थीं।

पत्र में कहा गया है कि उसी दिन सीएमओ ने पीडब्ल्यूडी से वर्तमान मुख्यमंत्री को 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित ‘‘मुख्यमंत्री आवास’’ आवंटित करने का अनुरोध किया।

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