नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर: राष्ट्रीय राजधानी के कईं घाटों पर श्रद्धालुओं द्वारा उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही दो दिवसीय छठ पूजा त्यौहार सोमवार को संपन्न हो गया. सूर्य और छठी मईया की पूजा के लिए 36 घंटे लंबा निर्जला व्रत करने वाले व्रतियों ने सोमवार सुबह घुटने तक गहरे पानी में अनुष्ठान किये और उगते सूर्य को दूध और जल का ‘‘अर्घ्य’’ अर्पित किया. छठ पर्व के अंतिम दिन हज़ारों श्रद्धालु दिल्ली में स्थायी घाटों और अस्थायी तालाबों में सूर्य भगवान की पूजा करने के लिए उमड़े थे. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2022: जर्मन महिला ने गोरखपुर में पति के साथ की छठ पूजा, देखें खूबसूरत तस्वीरें
कोविड के कारण पिछले दो साल से लागू पाबंदियों के कारण इस वर्ष लोगों में पर्व के प्रति बहुत उत्साह देखा गया. छठ पूजा दीवाली से छठे दिन, षष्टी को होती है और इसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है क्योंकि यह पर्व सूर्य भगवान को समर्पित है. यह पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी नीत सरकार ने इस साल छठ पूजा के लिए शहर में 1,100 घाट बनाए थे और 2014 के 2.5 करोड़ रुपये के बजट को 10 गुना बढ़ाकर इस साल 25 करोड़ रुपये कर दिया था.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)