विशाखापत्तनम, 30 मार्च: दिल्ली कैपिटल्स को रविवार को यहां गत चैम्पियन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाफ होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में अपने बल्लेबाजी क्रम में फेरबदल करके विस्फोटक पृथ्वी शॉ को शामिल करने की जरूरत होगी. यह भी पढ़ें: RCB बनाम KKR मैच के बाद विराट कोहली ने रिंकू सिंह को उपहार में दिया अपना बल्ला, देखें वीडियो
टी20 प्रारूप में हालांकि काफी कुछ टॉस पर निर्भर करता है लेकिन दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) पिछली चार भिड़ंत में सीएसके की चुनौती से पार नहीं पा सकी है और इसमें भी उसकी हार का अंतर 91 रन, 27 रन और 77 रन रहा है जो उसकी हालत दर्शाने के लिए काफी है.
और यह भी देखना होगा कि इन तीन करारी शिकस्त में डीसी की कोर टीम लगभग समान ही रही है, बस पिछली भिड़ंत में ऋषभ पंत उपलब्ध नहीं थे. इसे देखते हुए सीएसके के खिलाफ दिल्ली की जीत को टूर्नामेंट का बड़ा उलटफेर भी माना जायेगा.
सीएसके एक बार फिर हर विभाग में मजबूत दिख रही है जो कोच रिकी पोंटिंग की डीसी से बिलकुल ही उलट है क्योंकि दिल्ली की टीम अभी तक खेल के दोनों विभाग में कमजोर रही है.
डीसी के सहमालिक जीएमआर और जेएसडब्ल्यू पिछले कुछ वर्षों से नीलामी में ही टीम संयोजन में गड़बड़ी करते रहे हैं जिससे पोंटिंग या क्रिकेट निदेशक सौरव गांगुली घरेलू प्रतिभाओं से ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं.
सीएसके ने ‘अनकैप्ड’ समीर रिज्वी को 8.40 करोड़ रुपये में खरीदा और पहली ही आईपील पारी में पंजाब किंग्स के खिलाफ उनके द्वारा जड़े गये दो छक्कों ने दिखा दिया कि फ्रेंचाइजी उन्हें टीम में शामिल करने के लिए इतनी बेताब क्यों थी.
सभी फ्रेंचाइजी में डीसी के पास सबसे कमजोर ‘टैलेंड स्काउट प्रोग्राम’ है जिसका उसे खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हाल में समाप्त हुए रणजी ट्राफी सत्र में 902 रन जुटाकर सबसे ज्यादा रन जुटाने वाले रिकी भुई ने टीम के पिछले मैच में जितना खराब प्रदर्शन किया, उससे घरेलू क्रिकेट और आईपीएल के बीच का अंतर साफ दिखायी दिया.
रणजी ट्राफी के दूसरे हिस्से के दौरान प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी करने वाले साव भले ही पोंटिंग द्वारा तय किये गये फिटनेस मानकों को पूरा नहीं करते हों लेकिन डीसी के ‘चेंज रूम’ में हर कोई जानता है कि अगर साव और भुई में से किसी एक को चुनना हो तो दाव किस पर लगाया जाये.
डेविड वॉर्नर भी अब पुरानी फॉर्म में नहीं दिखते जबकि कप्तान पंत को लय में आने में कुछ समय लगेगा. मिचेल मार्श पिछले दो सत्र से डीसी के साथ हैं लेकिन उनका प्रदर्शन भी निरंतर नहीं रहा है जिससे साव की मौजूदगी से डीसी की बल्लेबाजी को कुछ मजबूती मिलेगी जिसे मुस्तफिजुर रहमान, दीपक चाहर, माथिशा पाथिराना और रविंद्र जडेजा जैसे गेंदबाजी आक्रमण का सामना करना होगा.
पर असली चुनौती मुस्तफिजुर की ‘कटर’ की ‘वैराइटी’ का सामना करना होगी जो चतुराई से बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें बढ़ाते रहते हैं समस्या यह है कि अगर पंत नहीं चल पाते तो डीसी में घरेलू प्रतिभाओं में कोई ‘पावर हिटर’ नहीं है. वहीं शाई होप और ट्रिस्टन स्टब्स क्रीज पर समय लेते हैं.
डीसी की ‘डेथ ओवर’ में गेंदबाजी भी चिंता का विषय है जिसमें अक्षर पटेल को छोड़कर कोई भी अन्य गेंदबाज प्रति ओवर 7.50 से कम रन नहीं दे पाया है.
एनरिच नोर्किया सही लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी नहीं कर सके जिससे डीसी ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ अंतिम पांच ओवरों में काफी रन लुटा दिये. इससे डीसी को ईशांत शर्मा की वापसी की जरूरत होगी.
टीम इस प्रकार हैं :
दिल्ली कैपिटल्स: ऋषभ पंत (कप्तान), डेविड वार्नर, पृथ्वी साव, यश धुल, अभिषेक पोरेल, अक्षर पटेल, ललित यादव, मिशेल मार्श, प्रवीण दुबे, विक्की ओस्तवाल, एनरिक नोर्किया, कुलदीप यादव, जेक फ्रेजर-मैकगर्क, खलील अहमद, इशांत शर्मा, मुकेश कुमार, ट्रिस्टन स्टब्स, रिकी भुई, कुमार कुशाग्र, रसिख डार, झाय रिचर्डसन, सुमित कुमार, स्वास्तिक चिकारा और शाई होप.
चेन्नई सुपर किंग्स:
रुतुराज गायकवाड़ (कप्तान), एमएस धोनी (विकेटकीपर), मोइन अली, दीपक चाहर, तुषार देशपांडे, शिवम दुबे, राजवर्धन हैंगरकर, रवींद्र जडेजा, अजय मंडल, मुकेश चौधरी, अजिंक्य रहाणे, शेख रशीद, मिशेल सेंटनर, सिमरजीत सिंह, निशांत सिंधु, प्रशांत सोलंकी, महेश थीक्षाना, रचिन रवींद्र, शार्दुल ठाकुर, डेरिल मिशेल, समीर रिज़वी, मुस्तफिजुर रहमान, और अरवेल्ली अवनीश राव (विकेटकीपर).
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