चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने मलेशिया की एक महिला के यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी एवं अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री एम मणिकंदन (M. Manikanda) के वकील की वह याचिका बुधवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्हें नौ जून तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश देने संबंधी एक अन्य न्यायाधीश के आदेश की अवधि बढ़ाने की अपील की गई थी. न्यायमूर्ति आर सुब्रमण्यन ने दो जून को मणिकंदन की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मामले को नौ जून तक के लिए स्थगित कर दिया था. न्यायाधीश ने कहा था कि नौ जून तक याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दहोसे के समक्ष जब बुधवार को मणिकंदन की अग्रिम जमानत याचिका आई, तो उन्होंने मणिकंदन, 32 वर्षीय महिला शिकायतकर्ता और पुलिस विभाग के वकील की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और पक्षों को लिखित में अपनी दलीलें पेश करने को कहा.न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाने की तारीख का जिक्र नहीं किया और मणिकंदन को गिरफ्तार नहीं करने के पहले के आदेश को विस्तार देने के बारे में भी कुछ नहीं कहा, जिसके बाद पूर्व मंत्री के वकील ने अपील की कि उनके मुवक्किल को अदालत का आदेश आने तक गिरफ्तार नहीं किए जाने का अदयार अखिल महिला पुलिस को निर्देश दिया जाए, लेकिन न्यायाधीश ने इस अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया. यह भी पढ़े: तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और AIADMK नेता एम मणिकंदन पर एक्ट्रेस ने लगाए यौन शोषण के आरोप, पुलिस स्टेशन में रेप का केस दर्ज
इससे पहले, पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने मणिकंदन को किसी भी तरह की राहत देने का विरोध करते हुए न्यायाधीश से कहा कि जांच प्रारंभिक चरण में है और उनकी गिरफ्तारी एवं पुलिस हिरासत में उनसे पूछताछ करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री एक ताकतवर व्यक्ति हैं और यदि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
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