कोलकाता, 16 जनवरी कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रसव के बाद कथित तौर पर अंत:शिरा द्रव (आईवी फ्यूइड) चढ़ाए जाने के बाद एक महिला की मौत के मामले में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि मामले से संबंधित तथ्यों पर एक समग्र रिपोर्ट दाखिल की जाए।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने इसके साथ ही केंद्र सरकार के उचित प्राधिकारी को निर्देश दिया कि वह संबंधित दवाओं की आपूर्ति करने वाली दवा कंपनी के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट दाखिल करें।
सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर अंतःशिरा द्रव (नसों के माध्यम से दिया जाने वाला औषधीय तरल पदार्थ) दिए जाने के बाद महिला की मौत की सीबीआई जांच की मांग करने वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि मामले की 30 जनवरी को दोबारा सुनवाई होगी, जब पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार की ओर से अपनी-अपनी रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
अदालत ने दवा कंपनी को जवाब में हलफनामा दाखिल करने की छूट दी।
पीठ ने कहा कि वह यह विचार करेगी कि रिपोर्ट और हलफनामा दाखिल होने के बाद आगे क्या निर्देश जारी किए जाने की जरूरत है।
इसने राज्य सरकार को मृतक के परिवार को ‘‘पर्याप्त मुआवजा’’ देने का निर्देश दिया।
मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 31 वर्षीय महिला की बच्चे को जन्म देने के एक दिन बाद नौ जनवरी को मृत्यु हो गई थी।
अदालत ने एक याचिकाकर्ता को कुछ तथ्य रिकॉर्ड पर लाने के लिए अदालत के समक्ष पूरक हलफनामा दायर करने की भी अनुमति दी।
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