देश की खबरें | न्यायालय ने एलएलबी अंतिम वर्ष के छात्रों को इस साल एआईबीई परीक्षा देने की अनुमति दी

नयी दिल्ली, 20 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने एलएलबी अंतिम वर्ष के छात्रों को बड़ी राहत देते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को निर्देश दिया कि वह इस साल छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) देने की अनुमति दे। एआईबीई विधि स्नातकों को वकील के रूप में पंजीकृत करने के लिए आयोजित होने वाली योग्यता परीक्षा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि एलएलबी के अंतिम वर्ष के छात्रों को "असहाय" नहीं छोड़ा जा सकता, तथा यदि उन्हें इस वर्ष बार परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई तो उनका एक वर्ष खराब हो जाएगा।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मुद्दे पर 2023 के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के फैसले के अनुसरण में बीसीआई द्वारा एआईबीई के लिए नियम नहीं बनाने पर नाराजगी जताई।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 10 फरवरी को एआईबीई आयोजित करने के बीसीआई के अधिकार पर मुहर लगाई थी।

न्यायालय ने अंतिम सेमेस्टर के कानून के छात्रों को पात्रता का उचित प्रमाण प्रस्तुत करने पर एआईबीई परीक्षा देने की अनुमति के न्याय मित्र के सुझाव को भी स्वीकार कर लिया था।

पीठ ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि नियम अब तक तैयार नहीं किए गए हैं और अब (बीसीआई द्वारा) इस बारे में निर्देश लेने के लिए स्थगन मांगा गया है कि नियम कब लागू किए जाएंगे। अब कहा गया है कि 4-6 सप्ताह में ऐसा किया जाएगा। एआईबीई 24 नवंबर को होनी निर्धारित है और आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है।”

पीठ ने अपने आदेश में कहा, "लिहाजा, हम निर्देश देते हैं कि आगामी परीक्षा के लिए बीसीआई उन सभी छात्रों के पंजीकरण की अनुमति दे जो संविधान पीठ के न्यायमूर्ति कौल द्वारा दिए फैसले के दायरे में आते हैं। हमने यह निर्देश इस तथ्य के प्रति सचेत होकर पारित किया है कि इस तरह के निर्देश के अभाव में, राज्य विश्वविद्यालयों में कई परीक्षाओं में शामिल हुए और परिणाम का इंतजार कर रहे छात्र असमंजस में रह जाएंगे।"

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