नयी दिल्ली, 25 नवंबर काफी समय से लंबित दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए मतगणना मतदान के लगभग दो महीने बाद सोमवार को यहां विश्वविद्यालय के ‘नॉर्थ कैंपस’ में शुरू हुई।
डूसू परिणाम चुनाव के एक दिन बाद 28 सितंबर को घोषित किये जाने थे लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के कारण इसमें देरी हुई।
अदालत ने मतगणना पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी जब तक कि चुनाव प्रचार के दौरान लगाए गए पोस्टर, होर्डिंग और संपत्तियों को विरूपित करने वाली अन्य सामग्री को हटा नहीं दिया जाता।
छात्रसंघ के चार पदों के लिए 21 उम्मीदवार मैदान में हैं। अध्यक्ष पद के लिए आठ, उपाध्यक्ष पद के लिए पांच और सचिव तथा संयुक्त सचिव पद के लिए चार-चार उम्मीदवार मैदान में हैं।
चुनावों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), कांग्रेस समर्थित ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) और वाम समर्थित ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) एवं ‘स्टूडेंट्स फेडेरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) के गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है।
अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के ऋषभ चौधरी, एनएसयूआई के रौनक खत्री और आइसा की सावी गुप्ता के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है।
उपाध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के भानु प्रताप सिंह, एनएसयूआई के यश नंदल और आइसा के आयुष मंडल मैदान में हैं।
सचिव पद के लिए एबीवीपी की मित्रविंदा कर्णवाल का मुकाबला एनएसयूआई की नम्रता जेफ मीणा और एसएफआई की अनामिका के. से है, जबकि संयुक्त सचिव पद के लिए एबीवीपी के अमन कपासिया का मुकाबला एनएसयूआई के लोकेश चौधरी और एसएफआई की स्नेहा अग्रवाल से है।
वर्तमान में छात्रसंघ में अध्यक्ष, संयुक्त सचिव और सचिव के पदों पर आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी का कब्जा है। उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई का कब्जा है।
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