देश की खबरें | देश भर में कोरोना वायरस के मामले 5.28 लाख हुए; मप्र, उप्र में घर-घर सर्वेक्षण की घोषणा

नयी दिल्ली, 28 जून एक दिन में करीब 20 हजार मामले आने के साथ भारत में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या रविवार को पांच लाख 28 हजार 859 हो गई, वहीं मृतकों की संख्या 16,095 हो गई है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश ने भी घर-घर सर्वेक्षण कराने की घोषणा की है।

केंद्र सरकार ने बताया कि ठीक होने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 से संक्रमित लोगों की तुलना में एक लाख ज्यादा है। सरकार ने कहा कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर ‘‘एहतियाती कदम’’ उठाने के ‘‘उत्साहजनक परिणाम’’ दिख रहे हैं।

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अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज करा रहे लोगों की संख्या जहां दो लाख तीन हजार 51 है वहीं तीन लाख नौ हजार 712 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं और एक मरीज दूसरे देश चला गया है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इस प्रकार अभी तक करीब 58.56 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।’’

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भारत सरकार द्वारा उठाए गए चरणबद्ध एहतियाती कदमों से उत्साहजनक परिणाम दिख रहे हैं।’’

भारत में लॉकडाउन के नियमों में ढील दिए जाने की तारीख एक जून तक संक्रमित लोगों की संख्या तीन लाख 38 हजार 324 थी।

देश में रविवार को संक्रमण के 19,906 मामले सामने आए। यह लगातार पांचवां दिन है जब कोरोना वायरस संक्रमण की संख्या 15 हजार से अधिक हुई है।

देश में ‘‘अनलॉक’’ चरण शुरू होते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अब कोरोना वायरस को परास्त करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा आपदा को सफलता में परिवर्तित किया है और यह वर्ष भी अलग नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि लोगों को लॉकडाउन के समय की तुलना में ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी।

प्रधानमंत्री ने अपने मासिक ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम में चेताया, ‘‘हमेशा याद रखिए, अगर आपने मास्क नहीं पहना, छह फुट सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया या अन्य एहतियात नहीं बरते तो खुद के अलावा आप दूसरों को भी खतरे में डाल रहे हैं, खासकर घर के बुजुर्गों और बच्चों को।’’

प्रधानमंत्री की बातों का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि 30 जून के बाद भी राज्य में लॉकडाउन की पाबंदियां जारी रहेंगी, क्योंकि संकट अभी टला नहीं है।

ठाकरे ने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए अनलॉक की प्रक्रिया को धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है, जिसे ‘मिशन बिगिन अगेन’ नाम दिया गया है।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहां संक्रमण के कुल एक लाख 59 हजार 133 मामले हैं जबकि दिल्ली में 80,188, तमिलनाडु में 78,335, गुजरात में 30,709, उत्तरप्रदेश में 21,549, राजस्थान में 16,944 और पश्चिम बंगाल में 16,711 मामले सामने आए हैं।

कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के प्रयास के तहत मुंबई पुलिस ने लोगों से अपील की है कि व्यायाम के लिए जिम या दुकानों और सैलूनों में जाने के लिए अपने घर से दो किलोमीटर से ज्यादा के दायरे में नहीं जाएं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कार्यालय या चिकित्सकीय आपातकाल को ध्यान में रखकर ही दो किलोमीटर से ज्यादा जाने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि इस दायरे से बाहर खरीदारी करने जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा।

कोरोना वायरस के कारण लागू पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद मुंबई में रविवार को तीन महीने के अंतराल के बाद कुछ सैलून खुले, जबकि कई श्रमशक्ति की कमी के कारण बंद रहे।

मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि चूंकि बड़ी संख्या में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए कड़ा अनुशासन लागू रहना जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं लॉकडाउन शब्द का प्रयोग नहीं भी कर रहा हूं तो भी गलतफहमी में नहीं रहें और सुरक्षा कम नहीं करें। वास्तव में हमें ज्यादा अनुशासन दिखाने की जरूरत है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट अभी खत्म नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस युद्ध को अंतिम चरण में आधा-अधूरा नहीं छोड़ सकते। मुझे विश्वास है कि आप सरकार के साथ सहयोग करते रहेंगे ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लॉकडाउन फिर से लागू नहीं हो।’’

उन्होंने कहा कि हम शिक्षा को फिर से शुरू करने पर ध्यान दे रहे हैं क्योंकि यह स्कूल खोले जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘पीपीई किट और एन-95 मास्क की कमी नहीं है। अगर चिकित्सकीय आपूर्ति में कमी है तो सरकार को बताएं। महाराष्ट्र को आपके अनुभव की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित मुंबई में ‘चेज द वायरस’ पहल के अच्छे परिणाम सामने आए और अब इसे राज्य के दूसरे हस्सों में भी लागू किया जाएगा।

अभियान के तहत कोविड-19 रोगी के निकट संपर्क में आने वाले 15 लोगों को आवश्यक रूप से संस्थागत पृथक-वास केंद्र में रखा जाएगा, जबकि समुदाय के नेता लोगों को संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में अन्य बीमारियों, भोजन और अन्य सुविधाओं की जानकारी देंगे। साथ ही वे क्लीनिक के समय के बारे में भी बताएंगे।

इसे 27 मई को शुरू किया गया था।

दिल्ली में मामलों में अचानक बढ़ोतरी के बाद अधिकारी संशोधित रणनीति को लागू कर रहे हैं और कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 218 से बढ़कर 417 हो गई है, जबकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए घर-घर सर्वेक्षण की नीति के तहत करीब दो लाख 45 हजार लोगों की जांच की गई है।

अधिकारियों ने बताया कि निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि केंद्र के निर्देश के बाद अधिकारी कुछ जिलों में इस तरह के इलाकों की फिर से पहचान करने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं।

एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘हमने महानगर में कोविड-19 के लिए घर-घर जाकर करीब दो लाख लोगों की जांच की है। करीब 45 हजार लोगों की जांच कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों में की गई है।’’

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