कुछ अस्पतालों में संक्रमण के कारण वेंटिलेटर (Ventilator) पर बड़ी संख्या में मरीजों के मरने की घटनाएं सामने आई हैं, ऐसे में चिकित्सकों का मानना है कि वेंटिलेटर कुछ मरीजों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है जिनके फेफडे काम करना बंद कर देते हैं, ऐसे में मरीज के गले में एक ट्यूब डाली जाती है और उसके जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है. इस तरह की गंभीर स्थिति में पहुंच चुके मरीजों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर सांस लेने की गंभीर परेशानी वाले 40 से 50 प्रतिशत मरीजों की मौत वेंटिलेटर पर होती है. लेकिन न्यूयॉर्क में वेंटिलेटर पर 80 प्रतिशत या इससे अधिक लोगों की मौत हो रही है. कुछ चिकित्सकों का कहना है कि हो सकता है कि वेंटिलेटर वक्त के साथ मरीजों को नुकसान पहुंचा रहे हों क्योंकि मरीज के फेफडे़ में छोटे से स्थान में उच्च दबाव से ऑक्सीजन डाली जाती है.
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कुछ चिकित्सकों का कहना है कि वे मरीजों को वेंटिलेटर पर रखने के बजाए अन्य उपायों को तरजीह दे रहे हैं. अमेरिकन लंग ऐसोसिएशन के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डा . अलबर्ट रिजो का कहना है कि अमेरिका में सामान्य से अधिक मृत्यु दर सामने आ रही है. इसी प्रकार की रिपोर्ट चीन और ब्रिटेन से आयीं . लेकिन कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि संभवत: कुछ मरीजों में वेंटीलेटर हालात को और बिगाड़ रहे हों .
टोरंटो जनरल अस्पताल (Toronto General Hospital) में श्वसन मामलों के विशेषज्ञ डा .ऐडी फान का कहना है, ‘‘ पिछले कुछ दशकों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह पता चली है कि वेंटीलेटर फेफड़ों की चोट को और बिगाड़ सकते हैं .इसलिए हमें इसे इस्तेमाल करने में सावधानी बरतनी होगी. ’’
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