देश की खबरें | नये आपराधिक कानूनों से दोषसिद्धि की दर बढ़ेगी : अमित शाह

चंडीगढ़, तीन दिसंबर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि नये आपराधिक कानूनों के लागू होने से दोषसिद्धि की दर बढ़ेगी, जिससे अपराध में कमी आएगी।

शाह ने कहा कि नये आपराधिक कानूनों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उनकी आत्मा भारतीय है और उनका उद्देश्य न्याय प्रदान करना है।

शाह एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन नये आपराधिक कानूनों के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया।

नये कानून -- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम -- 1 जुलाई को लागू हुए, जिन्होंने क्रमशः ब्रिटिशकालीन भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।

चंडीगढ़, तीनों कानूनों का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन करने वाला देश का पहला प्रशासनिक इकाई बन गया है।

शाह ने कहा कि नये कानूनों के लागू होने के बाद कम समय में न्याय सुनिश्चित होगा, दोषसिद्धि की दर अधिक होगी और इसके कारण अपराध दर में कमी आएगी।

शाह ने कहा कि नये कानूनों के लागू होने के 4 माह के अंदर अब तक लगभग 11 लाख से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज हुई हैं और इनमें से 9500 मामलों में फैसला भी आ गया है। उन्होंने कहा कि इनकी दोषसिद्धि की दर 85 प्रतिशत से ज्यादा है, जो दोषसिद्धि की वर्तमान दर 58 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि यही बताता है कि नये कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद कम समय में न्याय मिलेगा, दोषसिद्धि दर ज्यादा होगी जिससे अपराध प्रतिशत में भी गिरावट आएगी।

शाह ने कहा कि तीन साल में इन कानूनों के पूर्ण क्रियान्वयन के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणाली हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि ये नये कानून दुनिया में ‘‘सबसे बड़ा सुधार’’ साबित होंगे।

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