इंदौर (मध्यप्रदेश): कांग्रेस (Congress) के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सोमवार को कहा कि हिंदुत्व की अवधारणा का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि हिंदुत्व की अवधारणा का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. सिंह ने स्टेट प्रेस क्लब में ‘‘हिंदू और हिंदुत्व’’ विषय पर आयोजित परिसंवाद में यह बात कही. UP: बीजेपी विधायक दिग्विजय नारायण चौबे, BSP से निष्कासित MLA विनय शंकर तिवारी, पूर्व सांसद कुशल तिवारी एसपी में हुए शामिल
उन्होंने दावा किया कि वर्ष 1923 में विनायक दामोदर सावरकर ने हिंदुत्व की अवधारणा पर पहली बार लिखी किताब में कहा था कि "हिंदुत्व को हिंदू धर्म मान बैठना त्रुटिपूर्ण है."
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा,‘‘हिंदुत्व को हिंदू धर्म समझ लेना न केवल हिंदुओं, बल्कि समूचे देश के लिए सबसे बड़ी भूल होगी.’’
इतिहास के पन्ने पलटते हुए सिंह ने यह दावा भी किया कि ‘‘दो राष्ट्र सिद्धांत’’ के तहत भारत के विभाजन के प्रस्ताव का एक तरफ मुस्लिम लीग ने समर्थन किया था, तो दूसरी तरफ सावरकर भी इसके पक्ष में थे. राज्यसभा सांसद ने ‘‘बुली बाई’’ और ‘‘सुल्ली डील्स’’ ऐप से जुड़े ताजा मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के जरिये नौजवानों के मन में धर्मांधता और कट्टरता का जहर भरा जा रहा है.
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