ठाणे, 16 जनवरी मुंबई रेलवे दावा न्यायाधिकरण ने एक चोर का पीछा करते समय ट्रेन की चपेट में आने से जान गंवाने वाली 22 वर्षीय एक महिला के परिजनों को आठ लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
प्राजक्ता गुप्ते एक आईटी कंपनी में काम करती थीं और 30 जुलाई 2015 को जब यह घटना हुई तब वह उपनगरीय ट्रेन से ठाणे जिले के कल्याण स्थित अपने घर लौट रही थीं।
पटरी के पास खड़े एक चोर ने उनका फोन और पर्स छीन लिया।
इसके बाद वह कूद गईं और उसका पीछा करने लगीं, लेकिन विपरीत दिशा से आ रही एक ट्रेन की चपेट में आ गईं।
अदालत ने चार लाख रुपये का मुआवजा मंजूर किया, लेकिन उनके वकील रिहाल काजी द्वारा मृतक महिला के परिवार की खराब वित्तीय स्थिति और परिवार में कमाने वाले के रूप में उनकी भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दिए जाने के बाद इसे बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया।
आदेश का विवरण इस वर्ष बृहस्पतिवार को उपलब्ध कराया गया।
रेलवे ने अदालत में कहा कि उन्होंने (महिला) पटरी पर कूदकर अपनी जान जोखिम में डाली, जबकि उनके वकील ने तर्क दिया कि यह घटना पटरी पर नियमित गश्त की कमी के कारण हुई।
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